खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अपनी छाप छोड़ने को तैयार यूपी के त्रिपाठी भाई-बहन
Khelo India Youth Games: 2000 के दशक की शुरुआत में हरिओम त्रिपाठी ने 2022 एशियाई खेलों की मिश्रित युगल स्वर्ण पदक विजेता दीपिका पल्लीकल को राष्ट्रीय अंडर-13 गर्ल्स स्क्वैश खिताब दिलाया, जो उनके किसी भी खिलाड़ी के लिए पहली बड़ी
Khelo India Youth Games: 2000 के दशक की शुरुआत में हरिओम त्रिपाठी ने 2022 एशियाई खेलों की मिश्रित युगल स्वर्ण पदक विजेता दीपिका पल्लीकल को राष्ट्रीय अंडर-13 गर्ल्स स्क्वैश खिताब दिलाया, जो उनके किसी भी खिलाड़ी के लिए पहली बड़ी ट्रॉफी थी।
हरिओम त्रिपाठी चेन्नई में भारतीय स्क्वैश अकादमी के पहले कोचों में से एक थे। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पूर्व राष्ट्रीय कोच के तीन बच्चे खेल देखते और खेलते हुए बड़े हुए।
Trending
उनमें से दो अंश और उन्नति त्रिपाठी, एक तरह से घर वापसी कर रहे हैं क्योंकि वे शनिवार से उसी भारतीय स्क्वैश अकादमी में छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
अंश ने भारतीय स्क्वैश अकादमी कोर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा, "हम यहीं खेलकर बड़े हुए हैं। यह हमारे लिए घर जैसा है।"
स्क्वैश लॉस एंजेलिस 2028 में ओलंपिक में पदार्पण करने के लिए तैयार है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पहली बार इस खेल को शामिल करने से त्रिपाठी भाई-बहन उत्साहित हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स हमारे लिए वास्तव में एक बड़ा अवसर है।
पिछले साल मुंबई में इंडियन जूनियर ओपन स्क्वैश चैंपियनशिप में अंडर-17 लड़कियों का खिताब जीतने वाली 16 वर्षीय उन्नति ने कहा, ''हमें यहां अपने वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ भी खेलने का मौका मिलता है।''
18 साल के अंश के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स शायद जूनियर स्तर पर प्रभावित करने का आखिरी बड़ा मौका है।
शनिवार को उन्नति ने अपने अभियान की शुरुआत मध्य प्रदेश की चाजेरिना बेंजामिन पर 11-5, 11-3, 11-1 से आसान जीत के साथ की, जबकि अंश ने यूपी के रचित शालिया को 14-12, 11-9, 11-6 से हराया।
अंश ने 6 साल की उम्र में ही यह खेल खेलना शुरू कर दिया था और अपने बड़े भाई को देखकर उन्नति ने भी स्क्वैश खेलना शुरू किया था।
उनके सबसे छोटे भाई अतुलित ने पिछले नवंबर में दिल्ली में उत्तरी भारत स्क्वैश चैंपियनशिप में लड़कों के अंडर-15 क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।
अंश ने देहरादून में जिला स्तर पर भी क्रिकेट खेला है। जहां उनके पिता वर्तमान में वेल्हम स्कूल में कोच के रूप में कार्यरत हैं।
उनके पिता इस बार चेन्नई नहीं पहुंच पाएंगे, लेकिन फिर भी त्रिपाठी भाई-बहन उन्हें खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गौरवान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।