एडम गिलक्रिस्ट का नाम उन खिलाड़ियों में शामिल है, जिन्होंने विकेटकीपर के लिए बल्लेबाजी की परिभाषा ही बदल दी। गिलक्रिस्ट न सिर्फ स्टंप्स के पीछे अपना बेहतरीन योगदान देते, बल्कि आक्रामक बल्लेबाजी के साथ कई मुकाबलों का रुख पलट देते थे।
गिलक्रिस्ट की शैली ने यह साबित किया कि एक विकेटकीपर टीम के लिए गेम-चेंजर बल्लेबाज भी साबित हो सकता है। गिलक्रिस्ट के बाद ही दूसरी टीमों ने भी ऐसे विकेटकीपर्स को तराशना शुरू कर दिया जिनके पास बैटिंग में भी खेल बदलने वाली प्रतिभा की।
घरेलू स्तर पर जलवा बिखेरने के बाद गिलक्रिस्ट को अक्टूबर 1996 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला। अपने पहले ही मैच में 18 रन की पारी खेलने के बाद बतौर विकेटकीपर गिलक्रिस्ट ने दो कैच लपकने के अलावा एक खिलाड़ी को रन आउट भी किया। हालांकि, तेज रिफ्लेक्स और बेहतरीन ग्लव वर्क के साथ गिलक्रिस्ट ने धीरे-धीरे टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। वह बल्ले से भी अहम योगदान देते जा रहे थे।