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भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया में प्रैक्टिस मैच रद्द करने पर भड़का यह पूर्व क्रिकेटर, कहा- यह विश्वास....

ऑस्ट्रेलिया में अपना प्रैक्टिस मैच रद्द करने का भारतीय टीम का फैसला क्रिकेट दिग्गज सुनील गावस्कर को पसंद नहीं आया। उन्होंने इस कदम को विश्वास से परे बताया।

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भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया में प्रैक्टिस मैच रद्द करने पर भड़का यह पूर्व क्रिकेटर, कहा- यह विश्वास....
भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया में प्रैक्टिस मैच रद्द करने पर भड़का यह पूर्व क्रिकेटर, कहा- यह विश्वास.... (Image Source: Google)
Nitesh Pratap
By Nitesh Pratap
Nov 11, 2024 • 09:51 PM

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत 22 नवंबर से होने जा रही है। हालांकि इससे पहले भारतीय टीम ने अपना प्रैक्टिस मैच रद्द कर दिया। भारतीय टीम का ये फैसला पूर्व क्रिकेटर दिग्गज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) को रास नहीं आया। उन्होंने इसको विश्वास से परे बताया।

Nitesh Pratap
By Nitesh Pratap
November 11, 2024 • 09:51 PM

पूर्व दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कहा कि, "भारतीय क्रिकेट की खातिर (मुझे उम्मीद है), जिसने भी प्रैक्टिस मैच को रद्द करने और ऑस्ट्रेलियाई प्राइम मिनिस्टर के खिलाफ पहले और दूसरे टेस्ट के बीच मैच को दो दिन का करने का फैसला किया है, वह सही साबित होगा।"

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उन्होंने आगे कहा कि, "सच कहें तो, बेंगलुरु में (पहले टेस्ट की) दूसरी पारी में भारतीयों ने 400 से अधिक रन बनाए, लेकिन इसके बाद, चार पारियों में वे स्पिन गेंदबाजी के सामने पूरी तरह से अनजान नजर आए, जो इतनी खतरनाक नहीं थी कि भारत चौथी पारी में 150 रन का पीछा न कर सके। हाँ, पिच पर टर्न था, लेकिन फिर भी खेलना असंभव नहीं था।"

गावस्कर ने कहा कि, "यही कारण है कि पर्थ में भारत 'ए' टीम के खिलाफ अभ्यास मैच का रद्द होना समझ से परे है। एक बल्लेबाज के लिए क्रीज पर समय बिताना और गेंद को बल्ले के बीच में महसूस करना इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। नेट प्रैक्टिस उस तरह के गेम के फ्लो और बल्ले की गति को नहीं बदल सकती, जो क्रीज पर कुछ देर रुकने के बाद मिलती है।"

पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि, "हां, यह संभव है कि 'ए' टीम के नए गेंदबाज पूरे जोश से न गेंदबाजी करें क्योंकि उन्हें किसी अहम बल्लेबाज को चोटिल करने का डर हो, लेकिन यह ज्यादा संभावना नेट्स में होती है, जहां पिचें आमतौर पर मैच की तरह अच्छे से तैयार नहीं होतीं और गेंदबाज बिना किसी सजा के नो-बॉल डालते हैं। बल्लेबाजों को यह पता होता है कि नेट्स में उन्हें तीन या ज्यादा बार आउट किया जा सकता है, फिर भी वे बल्लेबाजी करते रहते हैं और बिना किसी तनाव या दबाव के खेलते हैं। इसलिए, स्वाभाविक रूप से, यह कभी भी एक असली मैच जैसा नहीं होता।"

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उन्होंने अपनी बात पूरी करते हुए कहा कि, "गेंदबाजों के लिए भी, रन-अप के दौरान सही लय में आना और ओवरस्टेपिंग न करने का भरोसा होना जरूरी है। यह भी महत्वपूर्ण है कि वे किस लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करें, जो केवल एक असली मैच में ही सीखा जा सकता है, नेट्स में नहीं।"

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