कपिल की 175 रनों की पारी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक : सैयद किरमानी
दुनियाभर में शुक्रवार को '83' रिलीज होने के लिए तैयार है। भारत की पहली क्रिकेट विश्व कप जीत में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। उस विजयी अभियान में कपिल देव की टुनब्रिज वेल्स में जिम्बाब्वे के खिलाफ 175
दुनियाभर में शुक्रवार को '83' रिलीज होने के लिए तैयार है। भारत की पहली क्रिकेट विश्व कप जीत में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। उस विजयी अभियान में कपिल देव की टुनब्रिज वेल्स में जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रनों को लोग अभी भी याद करते हैं, जिससे लेकर सैयद किरमानी ने उस पारी को अब तक की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया है।
यह मैच भारत के लिए करो या मरो का था, क्योंकि अगर वे इस मैच में हार जाते, तो वे टूर्नामेंट से बाहर हो जाते।
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योजना के अनुसार भारत की शुरुआत बेहद खराब रही, क्योंकि भारतीय टीम का स्कोर 17/5 पर था, जब कपिल देव बल्लेबाजी करने आए और 138 गेंदों पर नाबाद 175 रन बनाए, जिसमें 16 चौके और छह छक्के जड़े।
उस पारी के बारे में अभी भी बहुत कम लोग जानते हैं कि वनडे क्रिकेट में एक भारतीय द्वारा बनाया गया पहला शतक था और विकेटकीपर-बल्लेबाज सैयद किरमानी, जो दूसरे छोर से कपिल देव का साथ रहे थे, उन्होंने हाल ही में उस बेहतरीन पलों का याद किया।
किरमानी ने एशियानेट न्यूजेबल को बताया था, 'कपिल के नाबाद 175 रनों को भुलाया नहीं जा सकता। दुर्भाग्य से, किसी कारण से बीबीसी हड़ताल पर चला गया। उन्होंने सोचा कि हम (भारत और जिम्बाब्वे) प्रतियोगिता (1983 विश्व कप) में दो सबसे कमजोर टीमें हैं तो इन्हें क्यों लाइव कवरेज दें। लेकिन हमें बाद में पता चला था कि उन्होंने लाइव कवरेज न करने के लिए बहाना बनाया था। यह अपने आप में एक कहानी है।'
उन्होंने कहा, 'हम मैच की सुबह हमेशा की तरह तनावमुक्त थे। लेकिन सुकून भरे मिजाज ने कुछ और ही मोड़ ले लिया, क्योंकि हमारी पारी के 30 मिनट के भीतर किसी खिलाड़ी ने चिल्लाया, 'किरी, पैड अप'। मैं सोच रहा था कि कोई मुझे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहा है। मैंने इसे गंभीरता से नहीं लिया।'
एक मिनट बाद फिर आवाज आई 'क्या कर रहा है यार, पैड अप। इस बार, मैं एक खिड़की के पास गया और ड्रेसिंग रूम से बाहर देखा, स्कोरबोर्ड 17/5 था। यह देखकर मैं हैरान हो गया। फिर मैं बाथरूम में जाकर जल्दी से स्नान किया और बल्लेबाजी करने के लिए चला गया। तब भारत का स्कोर 140/8 था।'
140/8 पर कपिल देव के साथ देने के लिए किरमानी क्रीज पर पहुंचे और कीपर ने अपने कप्तान से बातचीत की।
एशियानेट न्यूजेबल से बातचीत में किरमानी ने कहा, 'जब मैं मैदान पर गया तो कपिल 50 से अधिक पर बल्लेबाजी कर रहे थे। मैंने खुद से कहा, यह समय है कि मुझे साबित करना चाहिए कि मुझे 'क्राइसिस मैन' क्यों कहा जाता है और टीम के साथी भी मानते थे कि यह आदमी भारतीय टीम को बचाएगा'। उन्हें भरोसा था कि मैं एक छोर पर टिका रह सकता हूं।'
उन्होंने आगे कहा, 'सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण मैच था। मैंने कपिल से कहा कि हम करो या मरो की स्थिति में हैं। हमारे को ऐसे ही मरना नहीं है कप्तान। मार के मरना है अगर मरना है तो' फिर मैंने उनसे कहा कि चिंता मत करो मैं तुम्हें ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक दूंगा।'
इसके बाद कपिल ने कहा, 'किरी भाई, हमें पूरे 60 ओवर खेलने हैं, अभी 35 से ज्यादा ओवर बाकी हैं। मैंने जवाब दिया, कपिल आप भारतीय टीम में सबसे अच्छे हिटर हैं, मैं पहली गेंद पर सिंगल लूंगा, बाकी पांच गेंदों पर आपको हिट करना है। इसके बाद मैंने पहली दो गेंदों का सामना किया, दोनों बाउंसर थीं और दोनों ही मेरे पास से गुजर गई। तीसरी गेंद पर मैंने एक चौका मारा। इससे कपिल का आत्मविश्वास बढ़ गया।'
कपिल देव की ऐतिहासिक पारी में गहराई से उतरते हुए किरमानी ने बताया, 'कपिल देव की क्या पारी थी। उस स्थिति में 17/5 और बाद में 140/8 था और क्वालीफाई करने के लिए हमें वह मैच जीतना था। हम पर दबाव था। स्थिति को ध्यान में रखते हुए कपिल के नाबाद 175 रन की तुलना वनडे क्रिकेट के इतिहास की किसी भी पारी से नहीं की जा सकती।'
उन्होंने कहा, 'यहां तक कि एमएस धोनी ने भी इस तरह के दबाव में एक भी पारी नहीं खेली है। कपिल की ऐसी सर्वश्रेष्ठ पारी मैंने अपने पूरे करियर में नहीं देखी है। कपिल देव को सलाम। आज तक, मैंने किसी भी बल्लेबाज को इस तरह की पारी खेलते नहीं देखा है। यह मैच एकदिवसीय इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।'
कपिल देव के नाबाद 175 रन के बाद किरमानी का 24 रन, 60 ओवर में भारत का 266/8 रन दूसरा सबसे बड़ा स्कोर था। आखिरकार भारत ने यह मैच 31 रन से जीत लिया।
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किरमानी ने कहा, 'मैच के अंत में हर कोई खुश था। अगर हम हार गए होते, तो बहुत बुरा होता। जब आप खुश होते हैं, तो आप उस पल का आनंद लेते हो। मैं बहुत खुश था कि मैं टीम को संकट से बाहर निकाल सका। लक्ष्य का पीछा करती हुई विरोधी टीम भी बहुत करीब आई गई थी। सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने और मेजबान इंग्लैंड से मिलने के लिए यह शानदार वापसी थी। फिर हम शक्तिशाली वेस्टइंडीज टीम को हराने के लिए आगे बढ़े थे।'