ऑस्ट्रेलिया की जगह इस देश में हो T20 वर्ल्ड कप 2020, डीन जोन्स का सुझाव
सिडनी, 3 जून| क्रिकेटर से कमेंटेटर बने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डीन जोन्स का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप को न्यूजीलैंड में आयोजित कराया जा सकता है क्योंकि...
सिडनी, 3 जून| क्रिकेटर से कमेंटेटर बने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डीन जोन्स का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप को न्यूजीलैंड में आयोजित कराया जा सकता है क्योंकि न्यूजीलैंड ने कोविड 19 पर सबसे बेहतर तरीके से नियंत्रण किया है और वहां हालात धीरे धीरे सामान्य की ओर बढ़ रहा है। न्यूजीलैंड में पिछले 12 दिनों में कोरोनावायरस के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं और इस समय वहां केवल एक ही एक्टिव केस है।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने एक वेबसाइट से कोरोना पर बात करते हुए कहा, "अगले हफ्ते में न्यूजीलैंड संभवत: पहले स्तर में जा सकता है लेकिन यह सबकुछ इसके आने वाले केस पर निर्भर करेगा कि यह कितने कम आते हैं। अगर आने वाले दिनों में इसके मामले नहीं आते हैं तभी ऐसा होगा।"
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जोन्स ने ट्वीट कर ऑस्ट्रेलिया की जगह न्यूजीलैंड में टी 20 वर्ल्ड कप कराने का सुझाव दिया है।
उन्होंने कहा, "जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि न्यूजीलैंड अगले हफ्ते में पहले स्तर पर आ जाएगा, जिसका मतलब यह होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लोगों की भीड़ जमा होने पर लगाया प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। तो टी 20 वर्ल्ड कप वहां खेला जा सकता है।"
जोन्स ने पहले ही कह दिया है कि टी वर्ल्ड कप का आयोजन इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाला नहीं है।
टी-20 वर्ल्ड कप का आयोजन इस साल 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया में होना है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसके आयोजन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
जोंस ने स्पोर्ट्सस्क्रीन के यूट्यूब पेज पर कहा था, " इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी20 वर्ल्ड कप कई कारणों से नहीं हो रहा है। सबसे पहले, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बहुत सारे लोगों को रोके रखा है। इसलिए आपके पास जब 16 टीमें होंगी और हर टीम में खिलाड़ी, स्टाफ और प्रशासक सहित 30-40 लोग होंगे तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे।"
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया में प्रतिबंध बहुत कड़े हैं और मेजबान देश भी वर्ल्ड कप की मेजबानी करके बहुत पैसा नहीं कमाएगा। जोंस ने कहा कि मेजबान देश पैसा कमाते थे, लेकिन अब इन नियमों में मेजबानी कर ऐसा संभव नहीं है। तो वो कहां से पैसा कमाएंगे?