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IPL नीलामी में बदली किस्मत, टेम्पू चालक का बेटा बना करोड़पति

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया, जिन्हें गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा था, ने स्कूल खत्म करने के बाद गुजरात के भावनगर से 10 किलोमीटर

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Tempo Driver's son chetan sakariya bags an IPL contract of 1.20 cr
Tempo Driver's son chetan sakariya bags an IPL contract of 1.20 cr (Image Source - Google)
IANS News
By IANS News
Feb 20, 2021 • 09:07 AM

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया, जिन्हें गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा था, ने स्कूल खत्म करने के बाद गुजरात के भावनगर से 10 किलोमीटर दूर स्थित अपने चाचा के गांव में उनके किराने की दुकान में उनका हाथ बंटाना शुरू कर दिया था।

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February 20, 2021 • 09:07 AM

चाचा ने सकारिया के खर्चो का ध्यान रखा और उन्हें सर भावसिंहजी क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण के लिए डाल दिया। इस दौरान चाचा ने उनकी शिक्षा, क्रिकेट उपकरण और अन्य खर्चो का ध्यान रखा। भावनगर और उसके आसपास के उभरते क्रिकेटरों के लिए सर भावसिंहजी क्रिकेट अकादमी से बेहतर और कोई जगह नहीं। यह वही अकादमी है जहां से सौराष्ट्र के खिलाड़ी शेल्डन जैक्सन, हरविक देसाई और संदीप मनियर सामने आए हैं।

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सकारिया के पिता, जो एक टेम्पो चालक हैं अपनी अल्प आय के साथ परिवार की देखभाल करते थे।

सकरिया ने इन दिनों विजय हजारे ट्रॉफी के लिए सौराष्ट्र टीम के साथ है। उन्होंने कोलकाता से आईएएनएस को बताया, जब मैं स्कूल में था, तो मुझे पढ़ाई और क्रिकेट में संतुलन बनाना पड़ता था। लेकिन 12वीं पूरी करने के बाद मैंने क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया। मैं शाम को ट्रेनिंग करता और पहले हाफ में मैं अपने चाचा के लिए काम करता।

इस महीने 23 साल के होने जा रहे सकारिया को पहली बार अपने स्कूल के कोच ने प्रोत्साहित किया, जब वह 10वीं में थे और इसके बाद सकारिया ने तुरंत भावसिंहजी अकादमी में दाखिला ले लिया। वहां से, उन्हें सौराष्ट्र के लिए अंडर-16 टीम में खेलने का मौका मिला, लेकिन उसके बाद एक सूनापन था, जहां उन्होंने संघर्ष किया।

सकारिया को एमआरएफ पेस फाउंडेशन के लिए चुना गया था और उन्होंने अपनी गेंदबाजी बेहतर करने तथा फिटनेस पर काम करने के लिए वहां पांच महीने बिताए।

उन्होंने कहा, मैं सौराष्ट्र की अंडर-19 और अंडर -23 टीमों के लिए खेला था। जल्द ही, मुझे टीम के वरिष्ठ टीम के सम्भावितों में चुना गया लेकिन फिर लूप में डाल दिया गया। कोचों ने कहा कि अनुभव के साथ मैं सुधार करूंगा।

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