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धौनी की मांग पर ‘‘द वाल’’ लगायेंगे टीम इंडिया की क्लास

टीम इंडियै के कप्तान धौनी मेजबान इंग्लैंड के साथ शुरु हो रहे टेस्ट श्रृंखला से पूर्व कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रह है। इसी के मद्देनजर धौनी ने टीम के कोच डंकन फ्लेचर के साथ

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rahul_dravid ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jan 28, 2015 • 03:28 PM

नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। टीम इंडियै के कप्तान धौनी मेजबान इंग्लैंड के साथ शुरु हो रहे टेस्ट श्रृंखला से पूर्व कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रह है। इसी के मद्देनजर धौनी ने टीम के कोच डंकन फ्लेचर के साथ मिलकर बीसीसीआइ से एक ऐसे पूर्व दिग्गज की मांग की है जो टेस्ट श्रृंखला से पहले भारतीय खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने व राह दिखाने का काम करेगा।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
January 28, 2015 • 03:28 PM

ये पूर्व दिग्गज हैं 'द वॉल' या 'दीवार' के नाम से मशहूर महानतम बल्लेबाज राहुल द्रविड़। धौनी और कोच फ्लेचर ने बीसीसीआइ से मांग की थी कि द्रविड़ को भारतीय खिलाड़ियों को टेस्ट सीरीज से पहले प्रोत्साहित करने व राह दिखाने के लिए बुलाया जाए और बोर्ड ने भी अपने कप्तान की ये बात मान ली। बीसीसीआइ सचिव संजय पटेल ने पुष्टि की है कि नौ जुलाई से नॉटिंघम में शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले द्रविड़ कुछ सत्र भारतीय खिलाड़ियों के साथ बिताएंगे। हालांकि बोर्ड ने ये साफ कर दिया कि द्रविड़ को किसी पद पर नियुक्त नहीं किया गया है ।

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बोर्ड सचिव संजय पटेल ने कहा, 'मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि राहुल द्रविड़ को बल्लेबाजी सलाहकार या फिर किसी और पद पर नियुक्त नहीं किया जा रहा है। चूंकि वो दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं और इंग्लैंड में वो काफी सफल रहे हैं इसलिए टीम प्रबंधन चाहता था कि पहले टेस्ट मैच से पहले द्रविड़ युवा बल्लेबाजों को कुछ टिप्स दें। कप्तान धौनी और कोच ने मुझसे पूछा था कि क्या हम ये पता कर सकते हैं कि द्रविड़ के पास टीम को टिप्स देने के लिए समय है या नहीं। मैंने द्रविड़ से बात की और वह तुरंत तैयार भी हो गए । हम चाहते हैं कि वो अपना अनुभव युवा खिलाड़ियों के साथ साझा करें। इंग्लैंड में उन्हें जितनी सफलता मिली है, शायद उनसे तकनीक और अन्य मुद्दों को लेकर उनसे बेहतर टीम को और कोई राह नहीं दिखा सकता था।'

अपने करियर के दिनों में द्रविड़ ने इंग्लैंड में कई बार सफलता का स्वाद चखा था। उनके 36 टेस्ट शतकों में 6 शतक इंग्लैंड में ही आए थे। उन्होंने इंग्लैंड में 13 टेस्ट खेलते हुए 68.80 की औसत से 1376 रन बनाए। वहीं, 2011 में भारत के निराशाजनक इंग्लैंड दौरे के दौरान एक द्रविड़ ही थे जिनका बल्ला बोला था। उस सीरीज में जब कोई खिलाड़ी फॉर्म में नहीं दिख रहा था तब द्रविड़ ने तीन शतक लगाए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द

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