भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) का कहना है कि वह क्रिकेट में मानसिक स्वास्थ्य पर और भी जागरुकता बढ़ते देखना चाहते हैं। कोहली ने कहा कि वह 2014 में इंग्लैंड में भारत की टेस्ट सीरीज के बाद वह डिपरेशन से गुजरे थे और जो खिलाड़ी इस दौर से गुजरते हैं उन्हें विशेषज्ञ की जरुरत होती है।
कोहली ने क्रिकेट कमेंटेटर मार्क निकोलस से चर्चा में कहा, "निजी तौर पर कहूं तो यह ऐसा होता है कि आप बहुत से लोगों के बीच भी खुद को अकेला महसूस करते हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि मेरे पास बात करने के लिए लोग नहीं थे, लेकिन कोई ऐसा विशेषज्ञ नहीं था जो यह समझ सके कि मैं किस स्थिति से गुजर रहा हूं। मेरे ख्याल से यह बहुत बड़ा फैक्टर है। मैं इसमें कुछ परिवर्तन देखना चाहूंगा।"
भारतीय कप्तान ने कहा कि खिलाड़ी अक्सर खराब फॉर्म से गुजरने के बाद बाहर हो जाते हैं, लेकिन यह खराब मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित लोगों के लिए समाधान नहीं है।