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'मुझे डर लगता था', वो गेंदबाज़ जिससे घबराते थे वीरेंद्र सहवाग, 7 सालों तक किया संघर्ष

वीरेंद्र सहवाग ने उस गेंदबाज़ का नाम बताया है जिसके खिलाफ उन्होंने अपने करियर के सात साल तक संघर्ष किया। यह गेंदबाज़ एक ऑफ स्पिनर था।

Nishant Rawat
By Nishant Rawat June 07, 2023 • 16:20 PM
'मुझे डर लगता था', वो गेंदबाज़ जिससे घबराते थे वीरेंद्र सहवाग, 7 सालों तक किया संघर्ष
'मुझे डर लगता था', वो गेंदबाज़ जिससे घबराते थे वीरेंद्र सहवाग, 7 सालों तक किया संघर्ष (Virender Sehwag (Image Source: Google))
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वीरेंद्र सहवाग, एक ऐसा बल्लेबाज़ जो ड्रेसिंग रूम से सेट होकर मैदान पर उतरता था। सहवाग अपने आक्रमक अंदाज के लिए जाने जाते थे। यह दाएं हाथ का खिलाड़ी पहली गेंद से चौके-छक्के मारने का दम रखता था, लेकिन उनके सफल इंटरनेशनल करियर के बीच एक गेंदबाज़ ऐसा रहा जिसके खिलाफ सहवाग का आक्रमक अंदाज बिल्कुल काम नहीं आया। वीरेंद्र सहवाग खुद कहते हैं कि जब-जब उन्होंने इस गेंदबाज़ के खिलाफ बड़े शॉट्स लगाने चाहे तब-तब उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जी हां, हम बात कर रहे श्रीलंकाई दिग्गज मुथैला मुरलीधरन की।

वीरेंद्र सहवाग ने अपने पुराने दिनों का याद करके मुरलीधरन को सबसे चुनौतीपूर्ण गेंदबाज़ बताया। वीरेंद्र सहवाग कहते हैं, 'एक ही बॉलर है जिससे मुझे डर लगता था कि वो मुझे आउट कर देंगे, मैं सोचता था कि इसका सामना आखिर कैसे करूं वो थे मुथैया मुरलीधरन। सब को लगता था कि वो शेन वॉर्न होंगे, अख्तर होंगे, ब्रेट ली होंगे, या मैकग्रा होंगे... उनसे मुझे कभी ये डर नहीं लगा कि वो मुझे आउट कर देंगे। बस ये डर था कि वो मेरे कहीं शरीर पर गेंद मार देंगे, लेकिन मुरलीधरन से मुझे ये डर था कि वो मुझे रन नहीं बनाने देगा और आउट कर देगा।'

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वीरेंद्र सहवाग ने एक मजेदार किस्सा भी सुनाया। सहवाग बोले, 'एक बार जब मैंने श्रीलंका के खिलाफ 201 नॉट आउट बनाया तब मुझसे मुरलीधरन का दूसरा पिक नहीं हो रहा था तब मैंने उनका सामना करने के लिए उनके दूसरे और ऑफ स्पिन को लगातार कवर पर मारना शुरू कर दिया। ऐसे में वो राउंड द विकेट आ गए और उन्होंने मेरे पैर पर बॉल डालनी शुरू कर दी ताकि मैं रन ना कर सकूं। लेकिन उन्हें बाद में यह समझ आया कि मैंने दूसरा डाला ही नहीं, ये मुझे पिक ही नहीं कर पा रहा था। यह किस्सा साल 2007 का है और मैं साल 2001 से मुरलीधरन के साथ खेल रहा था। यानी उनका सामना कैसे करना है मुझे यह समझने में सात साल लगे।'

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बता दें कि वीरेंद्र सहवाग कई बार अपने बयान में यह कह चुके हैं कि ऑफ स्पिन गेंदबाज़ों के खिलाफ बल्लेबाज़ों को बेखौफ होकर रन बनाने चाहिए, लेकिन मुरलीधरन एक ऐसे ऑफ स्पिनर थे जिनके सामने सात सालों तक वीरेंद्र सहवाग ने सिर्फ और सिर्फ संघर्ष किया।


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