जब वीरेंद्र सहवाग के झांसे में फंस गया था पाकिस्तानी अंपायर, OUT को दिया था NOT OUT
वीरेंद्र सहवाग ने अंपायर असद रऊफ के साथ जुड़ा वह किस्सा साझा किया है जिसके दौरान उन्होंने अंपायर को गिफ्ट देकर खुद को आउट होने से बचा लिया था।
वीरेंद्र सहवाग अकसर ही अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं, एक बार फिर ऐसा ही हुआ है। दरअसल, सहवाग ने अपने पुराने दिनों का याद करके एक ऐसा किस्सा साझा किया है जिसके दौरान उन्होंने अंपायर को घूस देकर खुद को आउट होने से बचा लिया था। जी हां, यह किस्सा है साल 2008 इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के मैच से जुड़ा है जहां पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ ने सहवाग को अपने फैसले से बचाया था।
वीरेंद्र सहवाग ने 'What The Duck' शो पर यह किस्सा साझा किया। उन्होंने यह बताया कि वह मैदान पर अंपायर से काफी बातें किया करते थे। इस दौरान वह यह कोशिश करते थे कि किसी तरह अंपायर को पटा सके। कई बार उनकी यह ट्रिक काम भी कर जाती थी। वीरेंद्र सहवाग का यह प्लान एक समय आईसीसी की एलिट पैनल के अंपायर रहे असद रऊफ के साथ भी काम कर गया।
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सहवाग ने कहा, 'मेरे पास अंपायर से जुड़े 2-3 किस्से हैं। मैं फील्डिंग करते समय उनसे बात करता था। मैं कहता था कि अगर आपको कुछ चाहिए तो मुझे बताइये मैं व्यवस्था करा सकता हूं। कई बार अंपायर मेरे झांसे में आ जाते थे। कुछ अंपायर कहते थे हमे अच्छा डिनर करना है तो मैं होटल में उनके लिए डिनर की व्यवस्था करा देता था। होटल में कह देता था कि अंपायर से पैसे मत लेना।'
वह आगे बोले, 'मैं मोहली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 90 पर बल्लेबाजी कर रहा था। असद रऊफ अंपायर थे। मैंने कट मारा और ऐज की आवाज ड्रेसिंग रूम तक गई, क्योंकि वहां मैच देखने कोई नहीं आता था लेकिन अंपायर ने नॉट आउट का फैसला दिया। इससे रिकी पोंटिंग गुस्सा हो गए। वो मेरे पास आए और मुझसे पूछा क्या तुम्हारा ऐज लगा मैंने कहा हां। फिर वो अंपायर के पास गए और उन्हें यह सब बता दिया। इसके बाद मेरे पास अंपायर और पोंटिंग आए जब उन्होंने मुझसे फिर यही सवाल पूछा तो मैंने मना कर दिया।'
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बता दें कि सहवाग ने एक इंटरव्यू में कहा था, कि 'अंपायर असद रऊफ को चीजें इकट्ठा करने का बहुत शौक था। उन्हें अन्य चीजों के अलावा ब्रांडेड चश्मा, टी-शर्ट, जूते पहनना पसंद था। मैं उस समय एडिडास का ब्रांड एंबेसडर था, इसलिए मैंने उन्हें जूते, टी-शर्ट और चश्मा गिफ्ट किया और मैंने मजाक में उनसे कहा कि जब मैं बल्लेबाजी कर रहा हूं तो अपनी उंगली न उठाएं।' इसी का फायदा सहवाग को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2008 में मिला। गौरतलब है कि पाकिस्तानी अंपायर ने हमेशा ही अपने ऊपर लगे आरोप को झूठा और गलत बताया है।