'बहती हवा सा था वो, गेंद उड़ाता था वो', 'नज़फगढ़ के नवाब' को Cricketnmore का सलाम
वीरेंद्र सहवाग 20 अक्तूबर को अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं औऱ इस मौके पर उन्हें दुनियाभर से बधाई संदेश और शुभकामनाएं मिल रही हैं। तो चलिए आपको सहवाग की कहानी क्रिकेटएनमोर की ज़ुबानी सुनाते हैं।
वीरेंद्र सहवाग आज यानि 23 अक्तूबर को अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके इस खास दिन पर दुनियाभर के फैंस और पूर्व क्रिकेटर्स उन्हें बधाई संदेश और शुभकामनाएं दे रहे हैं। वीरेंद्र सहवाग इस समय तो सोशल मीडिया के जरिए फैंस से इंटरैक्ट करते हैं लेकिन जब वो क्रिकेट खेलते थे तो फैंस का भरपूर मनोरंजन करते थे। वो सहवाग ही थे जिन्होंने दुनियाभर के फैंस को टेस्ट क्रिकेट से प्यार करने पर मज़बूर कर दिया था।
सहवाग टेस्ट क्रिकेट को भी वनडे या टी-20 की तरह खेलते थे और विरोधी टीमों में उनका इतना खौफ था कि गेंदबाज़ उन्हें गेंदबाज़ी करने से भी कांपते थे। सहवाग मैच की पहली ही गेंद पर चौका लगाते थे फिर चाहे वो कोई भी फॉर्मैट हो। चाहे वो आईसीसी विश्व कप फाइनल की पहली गेंद हो या फिर तिहरे शतक से सिर्फ एक रन कम बल्लेबाजी करते हुए छक्का लगाना हो। उन्होंने जब तक क्रिकेट खेला निडर होकर खेला।
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अपने शानदार करियर के दौरान, नजफगढ़ के नवाब ने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए जो आज भी कायम हैं। सहवाग टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक बनाने वाले भारत के एकमात्र क्रिकेटर हैं। इसके अलावा वीरेंद्र सहवाग सचिन तेंदुलकर के बाद, वनडे इतिहास में दोहरा शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज भी हैं। सहवाग ने ये दोहरा शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ दिसंबर 2011 में लगाया था। अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में, 14 वर्षों के दौरान, सहवाग ने खेल के तीनों प्रारूपों में 17253 रन बनाए हैं।
वीरू का रिकॉर्ड
सहवाग ने ओपनिंग करते हुए टेस्ट और वनडे क्रिकेट दोनों में 7,500+ रन बनाए हैं। इसके अलावा सहवाग के नाम सर डॉन ब्रैडमैन के साथ संयुक्त रूप से सबसे अधिक 290+ (3) टेस्ट स्कोर हैं। हालांकि, इन सब रिकॉर्ड्स को अगर हम एकतरफ कर दें तो सहवाग हमेशा फैंस की यादों में एक ऐसे क्रिकेटर के रूप में बने हुए हैं जो पारी की पहली गेंद को बाउंड्री पार भेज देते थे। सहवाग ने भारत के लिए खेलते हुए 15 में से 14 वनडे शतक तो ओपनर के रूप में बनाए हैं।
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पाकिस्तान में खेले गए मुल्तान टेस्ट में उनका तिहरा शतक आज भी फैंस को याद है और ये वही पारी थी जिसके बाद उन्हें मुल्तान का सुल्तान कहा जाने लगा था। सहवाग ने जिस तरह से 90s के फैंस का मनोरंजन किया, फैंस आज भी वैसे एंटरटेनमेंट को तरस रहे हैं लेकिन सच यही है कि सहवाग जैसा ना कोई आया है और ना आएगा। सहवाग तो सिर्फ एक ही हैं जो अब रिटायर हो चुके हैं।