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पहले वनडे में भारत की खराब गेंदबाजी और फील्डिंग से निराश हैं दीपक चाहर, दूसरे वनडे में नहीं होगी गलती !

विशाखापट्टनम, 18 दिसम्बर | भारतीय टीम बुधवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज का दूसरा मैच खेलने उतरेगी जो उसके लिए करो या मरो वाला होगा क्योंकि मेहमान टीम ने पहले वनडे को जीत तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-0

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat December 18, 2019 • 11:06 AM
पहले वनडे में भारत की खराब गेंदबाजी और फील्डिंग से निराश हैं दीपक चाहर, दूसरे वनडे में नहीं होगी गलत
पहले वनडे में भारत की खराब गेंदबाजी और फील्डिंग से निराश हैं दीपक चाहर, दूसरे वनडे में नहीं होगी गलत (twitter)
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विशाखापट्टनम, 18 दिसम्बर | भारतीय टीम बुधवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज का दूसरा मैच खेलने उतरेगी जो उसके लिए करो या मरो वाला होगा क्योंकि मेहमान टीम ने पहले वनडे को जीत तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है।

दूसरे मैच से पहले भारत के दीपक चहर ने माना कि टीम ने पहले मैच में गेंदबाजी और फील्डिंग अच्छी नहीं की थी। चेन्नई की धीमी विकेट पर भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट के नुकसान पर 287 रनों का स्कोर खड़ा किया था। विंडीज ने हालांकि शिमरन हेटमायेर और शै होप के शतकों के दम पर यह लक्ष्य हासिल कर जीत हासिल की थी।

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दूसरे मैच की पूर्व संध्या पर चहर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, हमने पहले वनडे में अच्छी गेंदबाजी नहीं की। उम्मीद है कि अगर हम दूसरे वनडे में दोबारा वैसी स्थिति में आएं तो हम एक ईकाई के तौर पर बेहतर कर सकें। पिछले चार मैचों से टीम की फील्डिंग भी अच्छी नहीं चल रही है। हमने काफी कैच छोड़े हैं। अगर हम इस तरह के बड़े शॉट लगाने वाले बल्लेबाजों के कैच छोड़ेंगे तो हमारे लिए मुश्किल हो जाएगी। एक फील्डिंग ईकाई के तौर पर भी हमें सुधार करना होगा।"

चहर ने साथ ही कहा कि उन्हें वनडे टी-20 के मुकाबले ज्यादा मुश्किल लगते हैं।

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वनडे सबसे कड़ा प्रारूप है। टी-20 में आप जानते हो कि क्या करना है। अगर आप 24 रन दे देते हो तो लेकिन विकेट नहीं ले पाते हो तो फिर भी यह अच्छी गेंदबाजी है। टेस्ट में, आपको लगातार आक्रमण करना होता है। अगर आप रन दोगे और विकेट लोगे तो यह टीम के लिए अच्छा होगा।

वनडे में आपको दोनों चीजों को मिलाना होता है। विकेट लीजिए और रन बचाइए। आपको स्थिति को अच्छे से पढ़ना होता है। आपको समझना होता है कि टीम क्या चाहती है। आपको बल्लेबाजों को परखना होता है और फिर फैसला करना होता है कि क्या करना है। दोनों प्रारूपों से वनडे ज्यादा मुश्किल है। मैंने इंडिया-ए के साथ काफी वनडे क्रिकेट खेली है जिसने मुझे फायदा पहुंचाया है।"


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