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'टेस्ट क्रिकेट मेरे बस की बात नहीं', आंद्रे रसेल ने झाड़ा टेस्ट क्रिकेट से पल्ला

वेस्टइंडीज के धाकड़ टी-20 प्लेयर आंद्रे रसेल ने साफ कर दिया है कि वो टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलेंगे। उन्होंने कहा है कि उनका शरीर टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार नहीं है।

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'टेस्ट क्रिकेट मेरे बस की बात नहीं', आंद्रे रसेल ने झाड़ा टेस्ट क्रिकेट से पल्ला
'टेस्ट क्रिकेट मेरे बस की बात नहीं', आंद्रे रसेल ने झाड़ा टेस्ट क्रिकेट से पल्ला (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Aug 03, 2024 • 01:26 PM

वेस्टइंडीज के धाकड़ टी-20 प्लेयर आंद्रे रसेल ने क्रिकेट के छोटे प्रारुप को पूरी तरह से डोमिनेट किया लेकिन जब बात वनडे क्रिकेट की या टेस्ट क्रिकेट की आती है तो रसेल इन फॉर्मैट्स से भागते दिखे। फ्रेंचाइजी क्रिकेट में अपने खेल का लोहा मनवा चुके रसेल वेस्टइंडीज के लिए टी-20 इंटरनेशनल तो खेल रहे हैं लेकिन टेस्ट और वनडे से उन्होंने दूरी बनाई हुई है। अब रसेल ने साफ कर दिया है कि टेस्ट क्रिकेट उनके बस की बात नहीं है।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
August 03, 2024 • 01:26 PM

कैरेबियाई खिलाड़ी ने 2007 में वेस्टइंडीज के लिए पदार्पण किया और केवल 17 प्रथम श्रेणी मैच और 2010 में एकमात्र टेस्ट खेला है। इसके अलावा, उन्होंने 56 वनडे खेले हैं और उनका आखिरी वनडे 2019 में आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ आया था। खेल के सबसे छोटे प्रारूप को अपना पसंदीदा बताने वाले रसेल ने साफ कह दिया कि उनकी बॉडी टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार नहीं है।

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रसेल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा, "लाल गेंद वाला क्रिकेट मेरा पसंदीदा नहीं है, मुझे नहीं लगता कि मेरा शरीर टेस्ट क्रिकेट के साथ तालमेल बिठा पाएगा। लेकिन इस समय टीम में शामिल खिलाड़ी पूरी तरह से फिट हैं और चुनौती का सामना कर रहे हैं।"

रसेल उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट या ज़्यादा सटीक तौर पर टी-20 क्रिकेट को ही अपनाने का फ़ैसला किया है। क्विंटन डी कॉक, हार्दिक पांड्या और हारिस राउफ़ जैसे खिलाड़ी टी-20I को खुले तौर पर पसंद करने वाले खिलाड़ियों में से हैं। दुर्भाग्य से, वेस्टइंडीज़ के पूर्व क्रिकेटर ब्रायन लारा ने युवा विंडीज़ क्रिकेटरों की लाल गेंद वाले क्रिकेट में रुचि न होने के कारण के रूप में भारी भुगतान असमानता को उजागर किया था। इस पर बात करते हुए रसेल ने कहा कि उत्साह की कमी का कारण पैसा नहीं है।

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उन्होंने आगे बोलते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि ये पैसे की वजह से है, मुझे नहीं लगता कि पैसे की वजह से कोई समस्या है। दुनिया भर में टी-20 खिलाड़ियों और लीगों की संख्या के आधार पर, मुझे लगता है कि बहुत से खिलाड़ी टेस्ट खेलने में रुचि नहीं रखते हैं। जब तक आप अपने देश के बाहर अनुबंधों से अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, मुझे लगता है कि वो उस अवसर का लाभ उठाने जा रहे हैं, लेकिन हर कोई बड़े मंच पर खेलना चाहता है। इसलिए, अगर टेस्ट क्रिकेट में बड़ा मंच आता है, तो मुझे पता है कि युवा खिलाड़ी खेलने में खुश होंगे। मुझे नहीं लगता कि ये पैसे या इस तरह की किसी चीज़ के बारे में है।"

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