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क्यों अलग हैं महेंद्र सिंह धोनी? साल 2004 में घटी घटना को सुनकर आप भी सब जाओगे समझ

महेंद्र सिंह धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान माने जाते हैं। धोनी की अगुवाई में भारत ने आईसीसी की तीन बड़ी ट्रॉफी अपने नाम की है।

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क्यों अलग हैं महेंद्र सिंह धोनी? साल 2004 में घटी घटना को सुनकर आप भी सब जाओगे समझ
क्यों अलग हैं महेंद्र सिंह धोनी? साल 2004 में घटी घटना को सुनकर आप भी सब जाओगे समझ (Image Source: Google)
Nishant Rawat
By Nishant Rawat
Jun 20, 2023 • 01:12 PM

महेंद्र सिंह धोनी, एक ऐसा खिलाड़ी जिसके आज करोड़ों प्रशंसक हैं। माही की अगुवाई में भारत ने ना सिर्फ टी20 वर्ल्ड कप जीता, बल्कि वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियन ट्रॉफी जैसे बड़े आईसीसी खिताब भी अपने नाम किये। यही वजह है आज भारत और विदेशों में मौजूद कई युवा खिलाड़ी धोनी जैसा क्रिकेटर बनने का सपना देखते हैं। इसी बीच सवाल यह है कि धोनी में ऐसा दूसरों से क्या अलग है? वो क्या चीज है जो धोनी को दूसरे खिलाड़ियों से अलग बनाती है। अगर आप भी यह जानना चाहते हैं तो आपको धोनी से जुड़ा 19 साल पुराना किस्सा सुनना चाहिए।

Nishant Rawat
By Nishant Rawat
June 20, 2023 • 01:12 PM

जी हां, हम बात कर रहे हैं साल 2004 की। दरअसल, हाल ही में मशहूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर करके सभी क्रिकेट फैंस को धोनी की वह खूबी बताई है जिसके दम पर आज धोनी इतने महान खिलाड़ी और कप्तान बनकर सामने आए हैं। आकाश चोपड़ा कहते हैं धोनी की खास खूबी यह है कि वह कभी भी दूसरे खिलाड़ियों को अपना प्रतिद्वंदी नहीं मानते थे। माही अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी खुद को समझते हैं। पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा क्यों कहा, उन्होंने इसकी वजह भी बताई।

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आकाश चोपड़ा बोले, 'साल 2004, इंडिया ए का जिम्बाब्वे और केन्या का दौरा। महेंद्र सिंह धोनी एक रिजर्व कीपर हैं और दिनेश कार्तिक वह खिलाड़ी जो प्लेइंग इलेवन में खेलने वाले हैं। धोनी नेट्स में जाते हैं और दिनेश कार्तिक को बॉलिंग करते हैं तब मैं उनसे कहता हूं ऐसा क्यों कर रहो हो। वो आपके प्रतिद्वंदी हैं अगर वह अच्छा करेंगे तो आपको मौका नहीं मिलेगा। वैसे भी आप बॉलर नहीं हैं। जाओ विकेटकीपिंग करो या बैटिंग करो। बॉलिंग क्यों?'

यहां आकाश चोपड़ा को धोनी से उनके सवाल का जवाब मिलता है जिसे उन्होंने फैंस के साथ साझा किया है। आकाश बताते हैं धोनी ने मेरा सवाल सुनकर मुझसे कहा, 'मुझे मत रोकिए... मुझे बॉलिंग करनी है अगर आपको भी बैटिंग करनी है तो आप भी कीजिए, लेकिन मैं बॉलिंग करना चाहता हूं।'

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पूर्व क्रिकेटर कहते हैं अब उन्हें धोनी के शब्दों का मतलब समझ आता है। दरअसल, धोनी कभी भी दूसरों को अपना प्रतिद्वंदी नहीं मानते थे। वह तो सिर्फ खुद को खुद का प्रतिद्वंदी मानते थे। यही वजह है आज वह जहां पहुंचे हैं सिर्फ वह ही पहुंच पाए हैं। गौरतलब है कि धोनी ने अपना इंटरनेशनल करियर भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान के तौर पर खत्म किया है। भारत ने अपना आखिरी आईसीसी टाइटल (2013 चैंपियन ट्रॉफी) साल 2013 में धोनी की अगुवाई में ही जीता था।

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