Advertisement

'वो किसी को भी कप्तान बना देते लेकिन मुझे नहीं', धोनी को 2007 वर्ल्ड कप की कप्तानी देने पर बोले युवराज

टी 20 विश्व कप 2007 धोनी को कप्तान बनाया गया था जबकि कैप्टन बनने के प्रबल दावेदार युवराज सिंह थे। युवी ने उनकी कप्तानी जाने के पूरे पहलू के बारे में बातचीत की है।

Advertisement
Cricket Image for Yuvraj Singh On Ms Dhoni And Team India Captaincy
Cricket Image for Yuvraj Singh On Ms Dhoni And Team India Captaincy (Yuvraj Singh on MS Dhoni)
Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma
May 08, 2022 • 12:57 PM

टी 20 विश्व कप 2007 में भारत के कप्तान के रूप में धोनी (MS Dhoni) की नियुक्ति ने सभी को चौंका दिया था। उस वक्त टीम इंडिया में धोनी के अलावा कई सीनियर खिलाड़ी मौजूद थे। उनमें से एक थे युवराज सिंह (Yuvraj Singh) जो इंग्लैंड के दौरे के वक्त राहुल द्रविड़ के अधीन भारत के उप-कप्तान थे। जैसे ही द्रविड़ और अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों ने टी 20 विश्व कप 2007 से बाहर होने का फैसला किया वैसे युवराज सिंह टीम इंडिया की कमान संभालने की रेस में सबसे आगे लग रहे थे।

Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma
May 08, 2022 • 12:57 PM

हालांकि, चयनकर्ता युवराज की जगह धोनी के साथ गए जो एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ और टीम इंडिया ने टी 20 विश्व कप 2007 जीता। इस बीच युवराज सिंह ने कहा है कि ग्रेग चैपल प्रकरण में सचिन तेंदुलकर का समर्थन करने के कारण उन्हें भारत की कप्तानी की कीमत चुकानी पड़ी।

Trending

युवराज ने स्पोर्ट्स 18 पर एक साक्षात्कार के दौरान संजय मांजरेकर से कहा, 'मुझे कप्तान बनना था। फिर ग्रेग चैपल की घटना घटी। चैपल और सचिन में से किसी एक को चुनना था। मैं शायद एकमात्र खिलाड़ी था जिसने समर्थन किया ... मैं अपने साथी का समर्थन किया था। बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों को यह पसंद नहीं आया। कहा जाता था कि वो किसी को भी कप्तान बना सकते थे लेकिन मुझे नहीं।'

युवराज सिंह ने आगे कहा, 'मुझे यकीन नहीं है कि यह कितना सच है। अचानक उप-कप्तानी से मुझे हटा दिया गया। सहवाग टीम में नहीं थे। तो धोनी जिनका नाम भी कप्तानी में नहीं था वो 2007 टी 20 विश्व कप के लिए कप्तान बन गए। मुझे लगा कि मैं कप्तान बनने जा रहा हूं।'

यह भी पढ़ें: 'धोनी को भीख में रोटी तक नहीं मिलेगी, इसका जो-जो बना है तिनका-तिनका करके उजड़ेगा'

युवराज ने कहा, 'वीरू (वीरेंद्र सहवाग) सीनियर थे लेकिन वह इंग्लैंड दौरे पर नहीं थे। मैं वनडे टीम का उप-कप्तान था जबकि राहुल (द्रविड़) कप्तान थे। इसलिए मुझे कप्तान बनना था। जाहिर है यह एक ऐसा फैसला था जो मेरे खिलाफ गया लेकिन मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है।'

Advertisement

Advertisement