इंग्लैंड के कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड पर जुर्माना
चटगांव/नई दिल्ली, 24 मार्च (हि.स.) । न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए ट्वेंटी-20 विश्वकप मैच के दौरान सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों की आलोचना करने पर इंग्लैंड के कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड पर मैच फीस का 15 फीसदी जुर्माना लगाया गया है। ब्रॉड
चटगांव/नई दिल्ली, 24 मार्च (हि.स.) । न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए ट्वेंटी-20 विश्वकप मैच के दौरान सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों की आलोचना करने पर इंग्लैंड के कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड पर मैच फीस का 15 फीसदी जुर्माना लगाया गया है।
ब्रॉड पर बारिश के कारण मैच में डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर परिणाम घोषित किए जाने पर आलोचनात्मक टिप्पणी करने के बाद जुर्माना लगाया गया। उन पर ऑन फील्ड अंपायर पॉल रिफेल, अलीम डार और थर्ड अंपायर राड टकर और फोर्थ अंपायर एस रवि ने यह आरोप तय किए, जिसे ब्रॉड ने स्वीकार कर लिया था।
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इंग्लिश कप्तान पर इस प्रस्तावित आरोप पर आईसीसी के एलीट पैनल के मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने अपनी सहमति जताई थी। श्रीनाथ ने अपने इस निर्णय पर कहा कि अंपायर ही ग्राउंड की फिटनेस तय करने के लिए फाइनल जज होते हैं। भले ही निर्णय काफी कठिन क्यों न हो, अंपायर हमेशा सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही सही निर्णय करते है। इसलिए सार्वजनिक तौर पर उनकी आलोचना करना खेल भावना के खिलाफ है। खिलाड़ियों, अधिकारियों और अंपायरों के बीच एक दूसरे के लिए सम्मान होना चाहिए।
गौरतलब है कि भारी बारिश के कारण न्यूजीलैंड की पारी में 5.2 ओवर के बाद खेल नहीं हो पाया और कीवी टीम को डकवर्थ लुइस नियम के आधार पर विजेता घोषित कर दिया गया। जब खेल रुका था तो उस समय 5.2 ओवर में लक्ष्य 44 रन था लेकिन कीवी टीम इस लक्ष्य से काफी आगे जा चुकी थी।
पांचवें ओवर में बिजली कड़कने से दोनों टीमों के खिलाड़ी परेशान हो गए थे। लेकिन अंपायरों अलीम डार और पॉल रीफेल ने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर नहीं जाने दिया। मैच के बाद ब्रॉड ने संवाददाताओं से कहा कि ईमानदारी से कहूं तो यह कोई अच्छा फैसला नहीं था। बिजली कड़कने के बाद भी हमें मैदान से बाहर नहीं जाने दिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील