क्रिकेट के अनसुने किस्से (Cricket Tales) - बर्मिंघम के एशेज टेस्ट में बेन स्टोक्स की पारी समाप्त घोषित करने के बाद हार के बाद, यूं तो ऐसी ही और भी कुछ मिसाल चर्चा में रहीं पर वेस्टइंडीज में खेला गया एक टेस्ट इस मामले में 'क्लासिक' है। ये था वेस्टइंडीज-भारत, पोर्ट ऑफ स्पेन 1976 टेस्ट और संयोग से भारत की टीम इसी ग्राउंड में अपनी मौजूदा सीरीज का दूसरा टेस्ट खेल रही है। ऐसे में उस अप्रैल 1976 के टेस्ट को याद करना जरूरी हो जाता है। और भी एक संयोग- वास्तव में यही वह टेस्ट था जिसने दिग्गज कप्तान क्लाइव लॉयड को यह सबक दिया कि टेस्ट क्रिकेट में उनकी टीम को सिर्फ पेस बैटरी टॉप पर पहुंचाएगी और इस सबक की बदौलत वेस्टइंडीज टीम ने जो टेस्ट क्रिकेट खेला, उसे देखकर ब्रैडमैन युग के बाद, पहली बार किसी टीम को 'इनविन्सिबल' कहा गया।
आज सब लॉयड को महान कप्तान कहते हैं पर ये टाइटल इसी पॉलिसी की देन है अन्यथा तो वे कप्तान के तौर पर पहले 13 टेस्ट में से सिर्फ 4 जीते थे और 7 में हार मिली थी। जब बिशन सिंह बेदी की टीम सीरीज खेलने गई- वेस्टइंडीज टीम का मनोबल बुरी तरह से गिरा हुआ था। वजह थी- ऑस्ट्रेलिया में पिछली सीरीज में जेफ थॉमसन और डेनिस लिली की तेज जोड़ी के सामने 1-5 से हार। भारत की टीम न्यूजीलैंड में 1-1 की ड्रा सीरीज खेलकर सीधे केरेबियन आई थी। क्या आप विश्वास करेंगे कि तब इंतजाम ऐसा था कि टीम को एयर ट्रेवल के बावजूद 62 घंटे लग गए थे।
पहला टेस्ट ब्रिजटाउन में- लगभग ढाई दिन के खेल में भारत की पारी से हार। टीम इंडिया को बड़ा जोरदार झटका लगा।