Dattaram Hindlekar : इस साल जब 2 फरवरी से अफगानिस्तान ने अपने श्रीलंका टूर में कोलंबो में टेस्ट खेला तो टेस्ट शुरू होने से पहले की एक खबर बड़ी ख़ास थी अफगानिस्तान के इब्राहिम जादरान ने अपने अंकल को उनकी पहली टेस्ट कैप दी यानि कि 22 साल का भतीजा इब्राहिम पहले से टीम में था और उसके चाचा 35 साल के नूर अली जादरान ने डेब्यू किया। और भी मजेदार बात ये कि दोनों ने ओपनिंग की और पहली पारी में 0 के बाद दूसरी पारी में 106 रन की पार्टनरशिप की।
अंकल के साथ टेस्ट खेलना वाकई बड़ी अजीब और ख़ास बात है पर सच ये है कि किसी टेस्ट क्रिकेटर के अंकल भी टेस्ट खेले हों- ये भी कुछ कम अजीब नहीं। विश्वास कीजिए भारत में इसकी मिसाल हैं और उनमें से एक किस्सा बड़ा अनोखा है पर उस इतिहास पर धूल की परत चढ़ी है। सुनील गावस्कर-माधव मंत्री की मिसाल सब देते हैं पर जिस मिसाल की यहां बात कर रहे हैं- कोई उसे याद नहीं करता। ये क्रिकेट में रिश्तेदारी की बड़ी अनोखी मिसाल है क्योंकि इसमें तीन पीढ़ी का रिश्ता बना।
सीधे उस परिवार पर चलते हैं। पहला नाम है दत्ताराम हिंडलेकर का- वे 1936 से 1946 के बीच 4 टेस्ट खेले। उनकी क्रिकेट के बेहतरीन साल तो वर्ल्ड वॉर 2 और उनकी ख़राब फिटनेस में बर्बाद हो गए और उस पर उन दिनों में टेस्ट भी बड़े कम खेले जाते थे। उनकी बहन के बेटे थे विजय मांजरेकर और वे 1952 से 1965 के बीच 55 टेस्ट खेले। तीसरी पीढ़ी में संजय मांजरेकर आ गए जो 1987 से 1996 के बीच 37 टेस्ट खेले। इनमें से कोई एक-दूसरे के साथ नहीं खेला।