जिम्बाब्वे के क्रिकेट स्टार हीथ स्ट्रीक के बारे में, सोशल मीडिया पर ये खबर आग की तरह फैली कि उनकी मौत हो गई है। क्रिकेट जगत सदमे में था। खबर पर विश्वास करने की सबसे बड़ी वजह ये थी कि खबर स्ट्रीक के साथ खेले और दोस्त हेनरी ओलोंगा ने दी थी। नतीजा- 49 साल के स्ट्रीक की कैंसर से मौत पर उनके प्रति श्रद्धांजलि के संदेश वायरल होने लगे। बहुत जल्दी, खुद स्ट्रीक को ही ये बताना पड़ा कि उनकी मौत की खबर महज अफवाह है और झूठ है।
वैसे हीथ स्ट्रीक ऐसे पहले क्रिकेटर नहीं जिसने 'अपनी मौत की खबर' को सुना या 'अपने लिए श्रद्धांजलि' को पढ़ा। ऐसे क्रिकेटरों के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने मौत को धोखा दिया। कुछ तो ऐसे अभाग्यशाली क्रिकेटर हैं जिन्होंने एक से भी ज्यादा मौके पर अपने निधन की खबर को पढ़ा। आम तौर पर ऐसी खबर में उन क्रिकेट से रिटायर हो चुके क्रिकेटरों का ही नाम आया जो बड़ी उम्र की तरफ जा रहे थे। इस संदर्भ एक क्रिकेटर का किस्सा तो बड़ा ही अनोखा है- एक या दो बार नहीं, उसने तो तीन बार मौत को धोखा दिया और मजे की बात ये है कि 'मरने के बाद' टेस्ट मैच खेला। अगर कोई कहानीकार, अपनी कल्पना की उड़ान से कहानी लिखे तो भी ऐसा प्लॉट नहीं बना पाएगा।
इस क्रिकेटर का नाम है- हैरी ली के नाम से मशहूर हेनरी विलियम ली (Henry William Lee) और ये किस्सा है पहले वर्ल्ड वॉर के सालों का। कई क्रिकेटर मरे इस वॉर में। हैरी ली ऑलराउंडर थे- 1906 में 15 साल की उम्र में एमसीसी ग्राउंड स्टाफ में शामिल हुए और 1911 में मिडलसेक्स के लिए डेब्यू किया। बड़े मजेदार किस्म के इंसान थे और कुछ न कुछ अजीब करते ही रहते थे। वॉर के दौरान आर्मी में शामिल हो गए और ड्यूटी पर भेज दिए गए फ्रांस। वहां, ऑबर्स रिज की मशहूर लड़ाई 9 मई, 1915 को शुरू हुई जर्मनी और ब्रिटेन के बीच। ब्रिटेन की 13वीं बटालियन को उसमें बड़ा झटका लगा- उनके 550 में से 499 सैनिक मारे गए और इन्हीं में से एक हैरी ली थे।