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‘घर वापसी' के नाम पर कोलकाता नाइठ राइडर्स ने गौतम गंभीर के पुराने जख्म हरे कर दिए  

इस सीजन में आईपीएल ट्रेड विंडो के अंतर्गत खिलाड़ियों के एक से दूसरी टीम में ट्रांसफर से पहले जिस ट्रांसफर की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वह है गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का टीम मेंटर के तौर पर कोलकाता नाइट राइडर्स

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Gautam Gambhir returns to Kolkata Knight Riders as team mentor
Gautam Gambhir returns to Kolkata Knight Riders as team mentor (Image Source: Google)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Dec 01, 2023 • 02:17 PM

इस सीजन में आईपीएल ट्रेड विंडो के अंतर्गत खिलाड़ियों के एक से दूसरी टीम में ट्रांसफर से पहले जिस ट्रांसफर की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वह है गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का टीम मेंटर के तौर पर कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) वापस लौटना। जिस केकेआर से, उनके कामयाब कप्तान होने के बावजूद, वे कड़वाहट के साथ अलग हुए थे- अब उसी में लौट आए हैं। तो इस तरह गौतम गंभीर का आईपीएल सफर खिलाड़ी के तौर पर दिल्ली डेयरडेविल्स से कोलकाता नाइट राइडर्स और फिर वापस दिल्ली कैपिटल्स का रहा- उनका मेंटर के तौर पर सफर लखनऊ सुपर जाइंट्स से कोलकाता नाइट राइडर्स का है। लखनऊ टीम के साथ वे सिर्फ नाम के मेंटर नहीं थे- टीम का थिंक टैंक थे। ग्राउंड में और ग्राउंड के बाहर टीम की पहचान थे और कोई सपोर्ट स्टॉफ/ खिलाड़ी उनकी मर्जी के बिना लखनऊ की ट्रेन/फ्लाइट नहीं पकड़ सका। स्पष्ट है कि वे ऐसा ही रोल कोलकाता नाइट राइडर्स में चाहेंगे पर सवाल ये है कि क्या कोलकाता नाइट राइडर्स में ऐसा हो पाएगा?

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
December 01, 2023 • 02:17 PM

इस सवाल का जवाब ढूंढना है तो सबसे पहले इस सवाल की चर्चा करनी होगी कि वे कोलकाता नाइट राइडर्स से दिल्ली गए क्यों थे? कोलकाता नाइट राइडर्स के आज तक के सबसे कामयाब कप्तान- तो कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें तब ही आगे खेलने के लिए रोका क्यों नहीं था? ये एक ऐसा दर्द है जो समय के साथ दब गया था पर कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें नया कॉन्ट्रैक्ट देकर इसे कुरेद दिया है। ये आईपीएल की सबसे विवादास्पद स्टोरी में से एक है। चलिए आईपीएल पर चलते हैं- 

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आईपीएल के शुरू के सालों में, कई बड़े खिलाड़ी के साथ खेलने के बावजूद केकेआर का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा था- 2008 और 2010 में नंबर 6 तथा बीच में 2009 में नंबर 8 थे। यही टीम 2011 में नंबर 4 पर आ गई यानि कि 2011 से किस्मत बदली और पहली बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया। ये टर्न-एराउंड उसी सीजन में खरीदे गौतम गंभीर की बदौलत था- उन्हें टीम ने अपने साथ पहले ही सीजन में कप्तान बना दिया था। 

और देखिए- 2012 में तो चैंपियन बन गए। 2013 में नंबर 7 पर गौतम गंभीर ने फिर से टीम को उठाया और 2014 में चैंपियन बना दिया। वे तब आईपीएल में जादुई टच वाले कप्तान गिने जा रहे थे। अब देखते हैं 2017 तक का रिकॉर्ड। गंभीर 2015 से तब तक टीम के साथ थे लेकिन और कोई टाइटल न जीत पाए- 2015 में नंबर 5, 2016 में नंबर 4 और 2017 में नंबर 3 थे। इस रिकॉर्ड में गौतम गंभीर, टीम को खटकने लगे थे। भले ही उस के बाद का दौर तो टीम के लिए और भी खराब रहा (2018 में नंबर 3, 2019 और 2020 में नंबर 5, 2021 में यूएई में फाइनल तथा 2022 और 2023 सीजन में नंबर 7) पर गौतम गंभीर से नाता टूटते वक्त तो यही सोचा था कि नया नजरिया फिर से टीम का ग्राफ ऊपर ले जाएगा। 

इसका मतलब है कि टीम ने जो दो टाइटल जीते- गौतम गंभीर के साथ जीते। 2011 से 2017 तक 5 बार प्लेऑफ़ के लिए क्वालीफाई किया और 2014 में, अब बंद हो चुकी चैंपियंस लीग टी20 का फाइनल खेले। इसलिए केकेआर के साथ वे कामयाब कप्तान थे। तो 2017 के बाद उनके लिए खेले क्यों नहीं?

असल में 2014 के बाद टीम के कोई टाइटल न जीत पाने से गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ रहा था और इसमें सबसे बड़ी गड़बड़ ये हुई कि बैट के साथ भी वे पहले की तरह से रन नहीं बना रहे थे। ऐसे में वे अकेले पड़ रहे थे और उन्हें ये भी अहसास होने लगा था कि अब वे आईपीएल में ज्यादा नहीं खेल पाएंगे। तब तक उनके लिए टीम इंडिया के सब रास्ते तो वैसे भी बंद हो चुके थे। नतीजा उन्हें घर लौटने यानि कि दिल्ली टीम की याद आई। इस माहौल को बनाने में उस समय के केकेआर के कोच जैक्स कैलिस का भी बड़ा योगदान था- उन्हें ऐसा लग रहा था कि गौतम गंभीर की स्टाइल का रंग टीम पर इतनी बुरी तरह चढ़ा हुआ है कि चाह कर भी कोई बदलाव नहीं हो पा रहा। 

हालांकि कभी ऑफिशियल तौर पर ये नहीं कहा गया कि कोच ने कोलकाता नाइट राइडर्स टीम मैनेजमेंट को बता दिया था कि अगर टीम का ग्राफ बदलना है तो गौतम गंभीर का बैग पैक करना पड़ेगा पर सच्चाई सब जानते हैं। कोच इस बात पर अड़े हुए थे कि वह अपने ड्रेसिंग रूम पर गौतम गंभीर को और 'नेगेटिव प्रभाव' नहीं डालने देंगे। गौतम गंभीर को भी ये सब मालूम था और इससे पहले कि उन्हें टीम से निकाला जाता- इज्जत के साथ रास्ता ये बना कि गौतम गंभीर अपने आईपीएल करियर के आख़िरी सालों में 'घर' वापस जाना चाहते हैं। इसलिए 2018 के लिए गौतम गंभीर ने टीम से खुद ही कह दिया कि उन्हें रिटेन न किया जाए। 

तब ये भी कहा गया कि वे 12.50 करोड़ रूपये की अपनी फीस वसूल नहीं करा पा रहे इसलिए टीम उन्हें अभी तो रिलीज कर रही है पर ऑक्शन में उन्हें सस्ती कीमत पर वापस खरीद लेगी। 2018 के ऑक्शन का रिकॉर्ड बताता है कि जब गौतम गंभीर का नंबर आया तो दिल्ली डेयरडेविल्स, राजस्थान रॉयल्स और पंजाब ने उनके लिए बिड किया- केकेआर ने नहीं। कोलकाता में 12.50 करोड़ रुपये की फीस ले रहे गौतम गंभीर तब 2.80 करोड़ रुपये में ही बिके और दिल्ली की टीम उन्हें ले गई। नीलाम के पहले दिन केकेआर के सीईओ वेंकी मैसूर ने एक इंटरव्यू में बताया कि गौतम गंभीर ने उन से अनुरोध किया था कि उनके लिए बिड या 'राइट टू मैच' का इस्तेमाल न करें। 

तो इस तरह गौतम गंभीर 2018 सीजन में दिल्ली आ गए और सीधे कप्तान थे। उन्हें क्या मालूम था कि यहां उनकी किस्मत में क्या लिखा है? दिल्ली ने सीजन की बेहद खराब शुरुआत की- टीम पहले 6 में से 5 मैच हार गई और इनमें गौतम गंभीर ने किंग्स इलेवन पंजाब के विरुद्ध एक 50 के अलावा, कुछ ख़ास नहीं किया- 5 पारियों में 96.59 के स्ट्राइक-रेट से सिर्फ 85 रन बनाए। नतीजा- सीजन के बीच में गौतम गंभीर ने कप्तानी छोड़ दी पर कहा कि वे खेलते रहेंगे। कुछ ही घंटे बाद श्रेयस अय्यर नए कप्तान बना दिए गए। 

श्रेयस अय्यर की कप्तानी में पहला मैच संयोग से केकेआर के विरुद्ध था और उसी को दिल्ली की टीम जीत गई पर मजेदार बात ये है कि प्लेइंग इलेवन से गौतम गंभीर का नाम गायब था। तब बड़ी चर्चा हुई कि खराब फार्म के कारण खुद ही न खेलने की मिसाल कायम की गौतम गंभीर ने और इसके लिए उनकी तारीफ़ भी हुई पर वे चिल्लाते रहे- मैंने नहीं कहा था कि में नहीं खेलूंगा। कोई फायदा नहीं हुआ उनके चिल्लाने का और श्रेयस अय्यर ने उन्हें आगे सीजन के बचे किसी भी मैच में नहीं खिलाया। दोनों एक-दूसरे को टीम में न लिए जाने के लिए जिम्मेदार बताते रहे और ये अभी तक रहस्य है कि उनके न खेलने के लिए कौन जिम्मेदार था? तो सोचिए कैसे संबंध रहे होंगे गौतम गंभीर और श्रेयस अय्यर के? गौतम गंभीर का आईपीएल करियर इसी के साथ खत्म हो गया।  

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किस्मत देखिए कि अब 2023 में गौतम गंभीर कोलकाता नाइट राइडर्स वापस लौटे हैं मेंटर के तौर पर वहां तो यही श्रेयस अय्यर कप्तान हैं। एक और मजेदार स्टोरी के लिए बैकग्राउंड बन रहा है।
 

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