1975 वर्ल्ड कप का इतिहास, इंडिया जीता सिर्फ एक मैच और फाइनल में हार गया ऑस्ट्रेलिया
वर्ल्ड कप 2023 कुछ ही दिनों बाद शुरू होने वाला है लेकिन उससे पहले हमें इस वर्ल्ड कप के इतिहास के बारे में जानना काफी जरूरी है। चलिए आपको बताते हैं कि 1975 में जब इसकी शुरुआत हुई तो क्या
1975 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल की कहानी
इस वर्ल्ड कप में पहले ग्रुप से इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड की टीमें सेमीफाइनल में पहुंचीं, तो दूसरे ग्रुप से वेस्टइंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया की टीमें सेमीफाइनल में पहुंची। टूर्नामेंट का पहला सेमीफाइनल इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट से जीत दर्ज करके फाइनल में प्रवेश किया। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम सिर्फ़ 93 रन बनाकर आउट हो गई थी जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने इस लक्ष्य को 6 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया।
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वहीं, दूसरे सेमीफ़ाइनल में वेस्टइंडीज़ का सामना न्यूज़ीलैंड से था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूज़ीलैंड ने 158 रन बनाए लेकिन वेस्टइंडीज़ की टीम ने इस लक्ष्य को आसानी से पांच विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। वेस्टइंडीज को फाइनल का टिकट दिलाने में कालीचरण (72) और ग्रीनिज़ (55) ने अहम भूमिका निभाई। इस तरह ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज की टीमों ने क्रिकेट वर्ल्ड कप 1975 के फाइनल में प्रवेश कर लिया।
1975 वर्ल्ड कप फाइनल
क्रिकेट इतिहास के पहले वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया। इस रोमांचक फाइनल में पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज़ ने अपने कप्तान क्लाइव लॉयड के शानदार शतक (102) और रोहन कन्हाई के 55 रनों की मदद से निर्धारित 60 ओवर्स में आठ विकेट के नुकसान पर 291 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 292 रनों का मुश्किल लक्ष्य दिया।
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इस लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआत तो अच्छी की थी। एक समय ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट के नुकसान पर 115 रन बना लिए थे लेकिन यहां से उनके साथ ऐसी ट्रैजेडी हुई जो शायद बहुत कम देखने को मिलती है। कंगारू टीम के 5 बल्लेबाज इस मैच में रनआउट हुए और जिस टीम के पांच बल्लेबाज रन आउट हो जाएं वो भला कैसे जीत सकती है। यही कारण था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम 58.4 ओवर में 274 रन बनाकर ऑलआउट हो गई और वेस्टइंडीज ने 17 रन से फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया।