1979 वर्ल्ड कप की पूरी कहानी, वेस्टइंडीज कैसे जीता लगातार दूसरा वर्ल्ड कप ?
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम बेशक इस समय इंटरनेशनल क्रिकेट में संघर्ष कर रही है लेकिन 1975 से लेकर अगले कई दशकों तक इस टीम ने इंटरनेशनल क्रिकेट पर राज किया था और पहले दो वर्ल्ड कप तो वेस्टइंडीज ने ही जीते
दूसरे सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के सामने पाकिस्तान की चुनौती थी लेकिन पाकिस्तान की टीम ताकतवर वेस्टइंडीज के सामने घुटने टेक गई। इस सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 60 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 293 रन बनाए और पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 294 रनों का मुश्किल लक्ष्य दिया। जवाब में पाकिस्तान की टीम 46.2 ओवरों में 250 रन बनाकर ऑलआउट हो गई और पाकिस्तान को 43 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस तरह वेस्टइंडीज की टीम ने लगातार दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया। सर गॉर्डन ग्रीनिज को उनकी 73 रनों की मैच जिताऊ पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
1979 वर्ल्ड कप का फाइनल (लॉर्ड्स)
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1979 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के सामने इंग्लैंड था और ये पहली बार था कि वर्ल्ड कप फाइनल में कोई यूरोपीय देश पहुंचा था। इंग्लैंड के प्रमुख गेंदबाज बॉब विलिस सेमीफ़ाइनल में घायल होने के कारण फ़ाइनल में नहीं खेल पाए थे। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और शुरुआत में उनका ये फैसला सही साबित होता भी दिखा क्योंकि वेस्ट इंडीज की शुरुआत काफी खराब रही और ग्रीनिज, हेन्स, कालीचरण और कप्तान क्लाइव लॉयड 100 रन के भीतर ही पवेलियन जा चुके थे।
हालांकि, विवियन रिचर्ड्स (157 गेंदों में 138, 11 चौके, 3 छक्के) और कोलिस किंग (66 गेंदों में 86, 10 चौके, 3 छक्के) ने पारी को संभाला। किंग ने विशेष रूप से 130.3 की स्ट्राइक रेट के साथ अंग्रेजी गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा दीं। इन दोनों के बीच 139 रनों की बहुमूल्य साझेदारी हुई और वेस्टइंडीज ने निर्धारित 60 ओवरों में 9 विकेट खोकर 286 रन बनाए।
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इसके बाद एक बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लिश बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत की. लेकिन सलामी बल्लेबाज माइक ब्रियरली (130 गेंदों पर 64, 7 चौके) और ज्योफ बॉयकॉट (105 गेंदों पर 57, 3 चौके) ने बहुत धीमी गति से रन बनाए। उन्होंने 38 ओवरों में 129 रनों की बेहद धीमी ओपनिंग पार्टनरशिप की। इन दोनों को खेलता देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो टेस्ट मैच चल रहा हो। जब तक दोनों बल्लेबाज आउट हुए तब तक रन रेट बहुत ज्यादा बढ़ चुका था। ग्राहम गूच ने अपने 32 रन बनाने में कुछ बड़े स्ट्रोक खेले, जिससे इंग्लैंड 183/2 पर पहुंच गया। हालांकि, इस मैच का रुख ऐसा पलटा कि किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। इंग्लैंड ने सिर्फ 11 रन पर 8 विकेट खो दिए और अंततः पूरी टीम 51 ओवर में 194 रन पर ऑलआउट हो गई। विवियन रिचर्ड्स को उनकी शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया। इस तरह ताकतवर वेस्टइंडीज ने लगातार दूसरा वर्ल्ड कप जीत लिया।