19 नवंबर को 2023 वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान को कौन सी ट्रॉफी मिलेगी, और इस ट्रॉफी को बनाया किसने ?
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 1999 इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, नीदरलैंड, वेल्स और आयरलैंड ने मिलकर आयोजित किया। उससे पहले के वर्ल्ड कप अलग-अलग ट्रॉफी के लिए खेले गए लेकिन 1999 के इस वर्ल्ड कप से आईसीसी ने तय किया कि स्पांसर चाहे...
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 1999 इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, नीदरलैंड, वेल्स और आयरलैंड ने मिलकर आयोजित किया। उससे पहले के वर्ल्ड कप अलग-अलग ट्रॉफी के लिए खेले गए लेकिन 1999 के इस वर्ल्ड कप से आईसीसी ने तय किया कि स्पांसर चाहे कोई हो- विजेता को आईसीसी ट्रॉफी ही मिलेगी और वह सिलसिला अभी तक चला आ रहा है।
इस तरह 1999 वर्ल्ड कप के लिए आईसीसी के सामने चुनौती ये थी कि ऐसी ट्रॉफी तैयार करें जो न सिर्फ मौजूदा जरूरत पूरी करे- आने वाले सालों में भी अलग पहचानी जाए। ये बात सच है और 19 नवंबर को विजेता कप्तान को मिलने वाली ट्रॉफी की ख़ूबसूरती की सभी तारीफ करते हैं। इस वर्ल्ड कप ट्रॉफी का डिजाइन पॉल मार्सडेन (Paul Marsden) ने तैयार किया और इसे एस्प्रे एंड गैरार्ड लिमिटेड (Asprey & Garrard Ltd.) के कारीगरों ने दो महीने में तैयार किया था। कई जगह यह लिखा मिल जाएगा कि ट्रॉफी को गैरार्ड (Garrard) ने तैयार किया था पर सच ये है कि 1998 में एस्प्रे और गैरार्ड का मर्जर हो गया था लेकिन 2002 में ये दोनों कंपनियां फिर से अलग हो गईं।
Trending
इस ट्रॉफी में एक गिल्ट-सिल्वर का वर्ल्ड ग्लोब है जिसमें क्रिकेट गेंद की तरह सीम है और तीन चांदी के कॉलम इसे सपोर्ट देकर ऊपर रिंग के बीच में रखते हैं। ये कॉलम वास्तव में स्टंप और बेल्स के डिजाइन के हैं और 'खेल के तीन सबसे जरूरी हिस्सों- बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जो ट्रॉफी 1999 में बनाई उसमें 1975-96 के सालों के पिछले 6 विजेता का नाम आधार पर लगी प्लेट पर लिख दिया और ऐसे आगे के 10 चैंपियन का नाम लिखने के लिए जगह छोड़ दी। ये डिस्क किसी माइल स्टोन या प्रदर्शन के प्रतीक हैं। आधार पर ये सोने की रिंग पर टिकी है। ट्रॉफी 60 सेमी ऊंची है, वजन 11 किलो और सबसे बड़ी खासियत ये कि इसे किसी भी तरफ से देखो- आसानी से इसे, इसके डिजाइन से पहचान लेंगे।
तब से यही ट्रॉफी वनडे क्रिकेट में श्रेष्ठता की पहचान बनी हुई है और हर इवेंट में, हर टीम इसे जीतने के सपने के साथ खेलती है। 1997/98 में ऑस्ट्रेलिया के ऑफिशियल वनडे कप्तान की ड्यूटी मिलने पर अपनी पहली टीम मीटिंग में ही स्टीव वॉ ने कह दिया था कि हमारा लक्ष्य, 1999 में वर्ल्ड कप पर अपना अधिकार बनाए रखना है। ऑस्ट्रेलिया की टूर्नामेंट की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही थी और सुपर सिक्स के आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए, दक्षिण अफ्रीका को हराना जरूरी था। दक्षिण अफ्रीका के 271 के स्कोर का पीछा करते हुए वॉ जब 56 रन पर थे तो हर्शल गिब्स ने उनका कैच टपका दिया। वॉ ने तब, उस पर स्लेज करते हुए कहा था- 'आपने अभी-अभी वर्ल्ड कप ड्रॉप कर दिया है।' ये इस ट्रॉफी के साथ जुड़ी सबसे पहली स्टोरी है और इसका जिक्र आज तक होता है। गिब्स ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी को नहीं गिराया था- वॉ के कैसा कहने का अर्थ था कि इस कैच को गिराने का मतलब है वर्ल्ड कप जीतने का मौका हाथ से निकल गया। वही हुआ- वॉ ने 120* बनाए जो ऑस्ट्रेलिया की जीत में सबसे ख़ास रहे। स्टीव वॉ की टीम 1999 वर्ल्ड कप फाइनल के बाद टीम होटल में पूरी रात पार्टी करती रही- वॉ इस दौरान अपने बाएं हाथ में दर्द के बावजूद भारी वर्ल्ड कप को कस के पकड़े रहे।
आईसीसी की तरफ से 20 जून को लॉर्ड्स में 1999 के फाइनल के बाद आस्ट्रेलियाई कप्तान को जो ट्रॉफी दी गई वह वही थी जो वर्ल्ड कप के लिए बनाई थी पर ये पहले से तय था कि ये असली ट्रॉफी आईसीसी के पास ही रहेगी उनके लॉर्ड्स में हेडक्वार्टर में। ऑस्ट्रेलियाई टीम, इसकी हूबहू नक़ल वाली ट्रॉफी के साथ अपने देश लौटी। इन दोनों ट्रॉफी में सबसे ख़ास फर्क ये था कि नीचे विजेता के नाम की सिर्फ एक प्लेट थी। यही वह टूर्नामेंट ट्रॉफी थी जिसे स्टीव वॉ और शेन वार्न ने टिकर-टेप परेड के दौरान 23 जून को मेलबर्न में एक लाख से ज्यादा और 28 जून को सिडनी में भी एक लाख से ज्यादा लोगों के सामने प्रदर्शित किया। यहां तक कि एक अनोखा इतिहास ये बना कि वॉ ने इसे 80 हजार से ज्यादा दर्शकों को 26 जून को ऑस्ट्रेलिया में एक ऑस्ट्रेलिया- इंग्लैंड रग्बी इंटरनेशनल के दौरान भी दिखाया।
2003 वर्ल्ड कप ट्रॉफी भी ऑस्ट्रेलिया ने जीती थी। उसी तरह से नक़ल एस्प्रे ने 2002 में तैयार की। 2005 में आईसीसी ने अपना हेडक्वार्टर लॉर्ड्स से दुबई (यूएई) ट्रांसफर कर दिया- तब असली ट्रॉफी को दुबई ले गए जहां शुरुआत में दुबई मीडिया सिटी में अल थुराया टावर्स में आईसीसी ऑफिस में रखा और 2009 में दुबई स्पोर्ट्स सिटी ऑफिस में ले आए।
2007 से आईसीसी ने विजेता को टूर्नामेंट ट्रॉफी देने का सिलसिला शुरू कर दिया। इसी तरह 2011 में फाइनल जीतने के बाद टीम इंडिया को ऑफिशियल टूर्नामेंट ट्रॉफी दी गई पर मीडिया में ये खबर छपी कि धोनी को नक़ल वाली ट्रॉफी दी है। इसीलिए अब वर्ल्ड कप से पहले प्रमोशन टूर के लिए भी टूर्नामेंट ट्रॉफी ही दी जाती है। इसकी एक वजह और भी है - जब जमैका के ट्रेलॉनी स्टेडियम में 2007 वर्ल्ड कप के उद्घाटन से कुछ दिन पहले, इसे कोलकाता में, वर्ल्ड कप स्पांसर एलजी ने अपने एक प्रमोशन इवेंट में दिखाया तो उस दौरान ट्रॉफी की निचली सोने की रिंग लकड़ी के आधार से अलग हो गई। इसे मरम्मत के लिए इंग्लैंड भेजा गया था।
Also Read: Live Score
2015 की ट्रॉफी वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाले सभी देशों में गई- अफगानिस्तान भी। उसके बाद तो ट्रॉफी टूर में देशों की गिनती बढ़ती जा रही है- इस साल समय कम होने के बावजूद ट्रॉफी ने लंबा टूर किया। अब टूर्नामेंट ट्रॉफी को 19 नवंबर का इंतजार है।