वेस्टइंडीज के क्रिकेटर जो सोलोमन का 93 साल की उम्र में निधन हो गया। जब भी, कहीं भी, उनके नाम का जिक्र हुआ और अब उनके निधन पर भी उन्हें जिस बात के लिए सबसे ज्यादा याद किया जा रहा है- वह है 1960 में गाबा में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध प्रसिद्ध टाई टेस्ट में उनका रोल। यहां तक कहा जाता है कि उनके एक्शन ने ही टेस्ट को टाई में बदला था। इसीलिए 1958 और 1965 के बीच वेस्टइंडीज के लिए जो 27 टेस्ट खेले (34 की औसत से 1326 रन) उनमें से यही टेस्ट उनका सबसे बड़ा परिचय बन गया।
देखते तो हैं कि उस टाई टेस्ट में हुआ क्या था? सीधे आख़िरी ओवर पर चलते हैं- 8 गेंद के ओवर में जीत के लिए 6 रन चाहिए थे और 3 विकेट बचे थे। इस ओवर में रिची बेनो और वाली ग्राउट आउट हुए और ऑस्ट्रेलिया को दो गेंद पर एक रन की जरूरत थी जबकि एक विकेट बचा था। आखिरी बल्लेबाज लिंडसे क्लाइन ने अगली गेंद को स्क्वायर लेग पर खेला और तेजी से एक सिंगल चुराने की कोशिश की लेकिन सोलोमन के डेड-आई थ्रो के सामने इयान मेकिफ़ क्रीज से बाहर थे और नतीजा- पहली बार टेस्ट टाई हुआ।
असल में इसी सीरीज में एक और ऐसी घटना भी हुई थी जिसने सोलोमन का नाम इतिहास का हिस्सा बना दिया पर टाई टेस्ट की चर्चा में सब भूल गए। ये किस्सा है एमसीजी में सीरीज के दूसरे टेस्ट का है। सोलोमन का नाम वहां अजीब से विवाद में फंसा। असल में वे हिट-विकेट आउट हुए थे स्टंप्स को बैट से हिट करने की वजह से नहीं- उनकी कैप स्टंप्स पर गिरने की वजह से। स्ट्रोक खेलने वह बैक-फुट पर गए और उसी में उनकी कैप गिरी। ये आउट होना ऐसा था कि एमसीजी के दर्शकों ने, इस आउट के लिए अपनी ही टीम की हूटिंग की थी।