पिछले दिनों एक खबर की बड़ी चर्चा हुई। अपने समय के टॉप बल्लेबाज और इस समय कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने महाराष्ट्र सरकार को, क्रिकेट एकेडमी बनाने के लिए, मिली जमीन वापस कर दी- चूंकि वे 30 से भी ज्यादा साल बीत जाने के बावजूद वहां एकेडमी नहीं शुरू कर पाए थे। ये जमीन महंगे बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स में है- 2,000 वर्ग मीटर। उन्हें, जमीन मिली थी भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेलने के एक साल बाद 1988 में। एकेडमी न बना पाने के कारण उन पर दबाव बढ़ रहा था- एकेडमी बनाओ या जमीन वापस करो।
एकेडमी बनाने के लिए सुनील गावस्कर को मिली ये जमीन तो फिर भी इन सब सालों में कई बार चर्चा में आई पर मुंबई में, हाई प्रोफाइल इलाके में जमीन का एक और किस्सा भी है जिसके तार क्रिकेट से जुड़े हैं। उसका जिक्र नहीं होता। सुनील गावस्कर ने सरकार से मिली जमीन का गलत इस्तेमाल नहीं होने दिया पर दूसरे किस्से वाली जमीन की तो कहानी ही अलग और अजीब है। कुछ साल पहले एक अखबार में इसकी खबर छपी थी तो खबर का हैडिंग था- 'एक और जमीन घोटाला, अब क्रिकेट के नाम पर'। ये क्रिकेट से हट कर जमीन हथियाने का मामला बन गया।
किस्सा ये है कि क्रिकेटर संदीप पाटिल और डायना एडुल्जी ने 2004 में बांद्रा ईस्ट में एक ट्रस्ट 'कल्चर क्रिकेट एकेडमी' के लिए 20,045 वर्ग मीटर जमीन के एलॉटमेंट के लिए सबर्बन कलेक्टर के पास आवेदन किया। हालांकि ट्रस्ट रजिस्टर्ड नहीं था पर एकेडमी बनाने के लिए कलेक्टर ने जमीन एलॉट कर दी- 2007 में 98,104 रुपये के मामूली से सालाना लीज रेंट पर 30 साल के लिए।