हर रिकॉर्ड बुक में यही लिखा है कि भारत के टेस्ट क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का जन्म काबुल, अफगानिस्तान में हुआ। इसीलिए उन्हें 'पठान' बताना, उनसे जुड़ी हर चर्चा का हिस्सा है। वे अफगानिस्तान से जुड़े हैं- इसमें कोई शक नहीं है। सबूत खुद बीसीसीआई ने दिया। जब अफगानिस्तान ने भारत में पहला टेस्ट खेला तो ख़ास तौर पर उस मौके पर 'काबुल में जन्मे भारतीय क्रिकेटर' सलीम दुरानी को बीसीसीआई ने बुलाया था। तब भी यही कहा गया कि वे अफगानिस्तान के काबुल शहर में पैदा होने वाले एकमात्र भारतीय क्रिकेटर हैं।
13 साल तक भारत के लिए खेले, दुर्रानी ने 29 टेस्ट में 25.04 की औसत से 1,202 रन बनाए- एक शतक और सात 50 वाले स्कोर। छक्के लगाने के लिए मशहूर थे पर कमाल के स्पिनर भी थे- 75 विकेट भी लिए थे। पता नहीं क्यों, कमाल की टेलेंट के बावजूद, खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले। साथ में, 1960 के दौर के सबसे स्टाइलिश क्रिकेटरों में से एक के तौर पर टाइगर पटौदी, फारुख इंजीनियर, एमएल जयसिम्हा और अब्बास अली बेग के साथ सलीम दुर्रानी का भी नाम लिया जाता है।
एक गजब के खिलाड़ी थे सलीम दुर्रानी जो अपने दिन बैट या गेंद से मैच विनर थे। उन कुछ क्रिकेटरों में से एक जो एक ओवर में कुछ धमाकेदार स्ट्रोक लगाकर या एक-दो विकेट लेकर मैच का रुख मोड़ सकते थे। एक आक्रामक खब्बू बल्लेबाज, जो किसी भी गेंदबाज की गेंद पर 6 का स्ट्रोक लगा सकता था। मैच का रुख मोड़ने की बात आने पर 1971 के पोर्ट ऑफ़ स्पेन के दूसरे टेस्ट को कौन भूल सकता है?