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IPL: 3 खतरनाक टी-20 बल्लेबाज, जो दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते हुए फ्लॉप रहे

आईपीएल के इतिहास में ऐसे कई बड़े नाम आये जिन्होंने अपने काबिलियत के हिसाब से प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि कुछ टीमों का बेंच स्ट्रेंथ इतना मजबूत होता है कि किसी एक खिलाड़ी के ना चलने से उनके नतीजों पर ज्यादा

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma August 20, 2020 • 11:37 AM
Andre Russell
Andre Russell (Google Search)
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आईपीएल के इतिहास में ऐसे कई बड़े नाम आये जिन्होंने अपने काबिलियत के हिसाब से प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि कुछ टीमों का बेंच स्ट्रेंथ इतना मजबूत होता है कि किसी एक खिलाड़ी के ना चलने से उनके नतीजों पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। लेकिन आईपीएल के इतिहास में कुछ ऐसी भी टीम है जो बड़े खिलाड़ियों पर टिकी होती है और उनके ना चलने से उन्हें बहुत नुकसान होता है। दिल्ली कैपिटल्स भी उन्हीं टीमों में से एक है जिसकी टीम में कई बार बड़े खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और उन्हें जीत से ज्यादा हार का सामना करना पड़ा ।

1. आंद्रे रसेल

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वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर आंद्रे रसेल ने आईपीएल के इतिहास में दो बार "मोस्ट वैल्युएबल प्लेयर" का अवॉर्ड जीता है और वह कोलकाता नाईट राइडर्स के सबसे अहम खिलाड़ी है। कोलकाता के तरफ से खेलने से पहले रसेल आईपीएल 2012 और 2013 में दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा थे। वहां उन्होंने 7 मैच खेला जिसमें 14.5 की औसत से सिर्फ 58 रन ही बना सके। गेंदबाजी में भी उनको सिर्फ एक ही विकेट मिला जहाँ उनकी इकॉनमी 9.96 रही। इसके बाद दिल्ली की टीम ने उन्हें रिलीज कर दिया। 

बाद में 2014 आईपीएल से पहले हुई नीलामी में रसेल को कोलकाता की टीम ने महज 60 लाख रुपये में खरीदा और तब से रसेल कोलकाता के लिए हर विभाग में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है। रसेल अब दुनिया भर के टी-20 के माहिर खिलाड़ियों में से एक माने जाते है और उन्होंने टी-20 में अपने नाम कई बड़े रेकॉर्ड कायम कर लिए है।


कॉलिन मुनरो

न्यूजीलैंड के बाएं हाथ के ओपेनिंग बल्लेबाज कॉलिन मुनरो को टी-20 स्पेशलिस्ट बल्लेबाज माना जाता है। रोहित शर्मा के अलाव वह दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टी-20 इंटरनेशन में तीन या उससे ज्यादा शतक जड़े हैं।  मुनरो साल 2018 तथा 2019 में दिल्ली कैपिटल्स की टीम में शामिल थे लेकिन वहां उनका प्रदर्शन बिल्कुल फीका रहा। मुनरो ने आईपीएल के इन दो सीजन में दिल्ली के लिए 9 मैच खेले जिसमें 132.43 की स्ट्राइक से इनके बल्ले से केवल 147 रन ही आये।

दिल्ली के लिए खेलते हुए मुनरो ने लगभग हर मैच में पॉवरप्ले मेंआसानी से अपने विकेट गवाएं और वो साधारण शॉट खेलते हुए आउट हुए।  आईपीएल के दो सीजन में खराब प्रदर्शन का नतीजा ये हुआ कि 1 करोड़ की बेस प्राइस वाले मुनरो को इस बार आईपीएल नीलामी में एक भी खरीदार नहीं मिला।


कार्लोस ब्रैथवेट

साल 2016 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में कार्लोस ब्रैथवेट के वो छक्के सबको याद होंगे। तब आखिरी ओवर में बेन स्टोक्स की गेंद पर उन्होंने 4 गेंदों में लगातार 4 छक्के लगाकर  टीम को एक यादगार जीत दिलाई थी।  उस साहसिक पारी के अलावा ब्रैथवेट ने अभी तक अपनी गेंदबाजी या बल्लेबाजी से कुछ खास कमाल नहीं दिखाया है। इसका उदारहण उनका आईपीएल करियर भी है। ब्रैथवेट ने अभी तक 3 आईपीएल टीमों से खेल लिया है लेकिन आजतक अपनी गेंदबाजी या बल्लेबाजी से किसी भी टीम को प्रभावित नहीं कर पाए। ब्रैथवेट ने दिल्ली कैपिटल्स के अलावा कोलकाता नाईट राइडर्स तथा सनराइजर्स हैदराबाद की टीम से भी खेला है।

उनका सबसे खराब प्रदर्शन दिल्ली कैपिटल्स के लिए रहा जहां वो साल 2016 तथा 2017 में टीम से जुड़े। इन दो सीजन में उन्होंने कुल 10 मैच खेले जहां सिर्फ 95 रन ही बना पाए। इसके अलावा 8.78 की महँगी इकॉनमी से सिर्फ 8 विकेट ही हासिल कर पाए। ब्रैथवेट के लगातर खराब प्रदर्शन का नतीजा ये रहा इस बार किसी भी आईपीएल मैनेजमेंट ने उन्हें नीलामी में नहीं खरीदा। इसके बाद उन्होंने किसी रिप्लेसमेंट खिलाड़ी के तौर पर आईपीएल में खेलने की इच्छा जताई है।


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