भारत में, क्रिकेट में, पिछले कुछ साल में जिस स्टार किड के बारे में सबसे ज्यादा लिखा-सुना गया उसका नाम अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) है। उनका नाम ही बता देता है कि ऐसा क्यों हुआ? इसी तरह 2022-23 रणजी ट्रॉफी सीजन की शुरुआत में, पहले राउंड में जिन बल्लेबाज ने अपने रणजी डेब्यू पर 100 बनाया- उनमें से जिस 100 की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वह अर्जुन तेंदुलकर के 120 हैं- राजस्थान के विरुद्ध, गोवा के लिए।
अर्जुन का क्रिकेट सफर किसी से छिपा नहीं पर उनके इस डेब्यू 100 के जिक्र में जिस रिकॉर्ड को सबसे ज्यादा याद किया गया वह ये कि लगभग 34 साल पहले, उनके पिता सचिन तेंदुलकर ने भी रणजी डेब्यू पर 100 बनाया था- 11 दिसंबर 1988 को मुंबई के लिए गुजरात के विरुद्ध। सचिन तेंदुलकर के, ढेरों रिकॉर्ड से भरे करियर में, उनके जिन 100 के बारे में सबसे ज्यादा लिखा गया- ये उनमें से एक है। इसी 100 से ही तो रन और 100 बनाने का वह सिलसिला शुरू हुआ था जिसे पूरी क्रिकेट की दुनिया ने हैरानी से देखा। इसी डेब्यू 100 की बात करते हैं। क्या हुआ था इस 100 तक पहुंचने के लिए?
फरवरी 1988 में आजाद मैदान में सेंट जेवियर्स के विरुद्ध, अपने स्कूल शारदाश्रम के लिए खेलते हुए, विनोद कांबली के साथ तीसरे विकेट के लिए 664* रन की जो पार्टनरशिप की सचिन ने, उसे मुंबई के सेलेक्टर्स ने भी नोट किया था और 1988-89 सीज़न के लिए उन्हें शार्ट लिस्ट कर लिया। अब सवाल ये था कि एक 15 साल से कुछ बड़े लड़के को, मुंबई की प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की हरी झंडी कौन दिखाए? जिम्मेदारी डाल दी उस वक्त के मुंबई टीम के कप्तान दिलीप वेंगसरकर पर। संयोग से, दिलीप टीम इंडिया की ड्यूटी में इतने व्यस्त थे कि मुंबई टीम के नेट्स पर आने की उन्हें फुर्सत ही नहीं मिल पा रही थी- न्यूजीलैंड टीम आई हुई थी सीरीज खेलने।
संयोग ऐसा बना कि टीम इंडिया मुंबई के क्रिकेट क्लब ऑफ़ इंडिया में नेट प्रेक्टिस कर रही थी। राज की बात ये है कि दिलीप ने सचिन को वहीं बुलवा लिया और सचिन का इम्तिहान था, नेट्स पर रणजी टीम के गेंदबाजों को नहीं, कपिल देव एंड कंपनी को खेलना। उस दिन सचिन के शॉट देखकर हैरान होने वालों में सिर्फ दिलीप वेंगसरकर ही नहीं, कपिल देव और अन्य कई क्रिकेटर भी थे। थोड़ी ही देर में, मुंबई के सेलेक्टर्स को ये संदेश पहुंच चुका था कि सचिन मुंबई के लिए खेलने के लिए 'तैयार' हैं। उनके लिए मुंबई प्लेइंग इलेवन में जगह कैसे बनी- चूंकि दिलीप खेल नहीं रहे थे, इसलिए दिलीप की जगह सचिन टीम में आ गए।
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— Venkata Kutumba Rama Murthy Madduri (@KutumbaRama) December 15, 2022