1974-75 Ashes Series: आज आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि कोई बल्लेबाज हेलमेट पहने बिना बल्लेबाजी करे- उस पर आईसीसी की गाइड लाइन तोड़ने का आरोप लगेगा। कुछ साल पहले तक ऐसा नहीं था। हेलमेट जरूरी हैं पर क्रिकेट में हेलमेट की एंट्री कैसे हुई? इस सवाल का अलग-अलग इतिहासकार, अलग-अलग मिसाल के साथ जवाब देते हैं। सिर को तेज गेंद से बचाने की कोशिश तो पैट्सी हेंड्रेन ने 1933 में लॉर्ड्स में एमसीसी-वेस्टइंडीज टूर गेम में ही तीन-चोटी वाली टोपी (Three-peaked cap) पहन कर शुरू कर दी थी। डेनिस एमिस ने 1977 में वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट में मोटर साइकिल हेलमेट पहना, ग्राहम येलोप ने 1978 में ऑस्ट्रेलिया में वेस्टइंडीज के विरुद्ध आज जैसा हेलमेट पहना, मोहिंदर अमरनाथ ने टोपी की जगह पोलो पिथ हेलमेट पहन लिया जबकि माइक ब्रेयरली ने खुद का हेलमेट डिजाइन किया। विश्वास कीजिए- इन सभी को देखकर, दर्शक जमकर मजाक उड़ाते थे और हंसते थे।
इस समय हेलमेट की चर्चा की एक ख़ास वजह है। उस टेस्ट सीरीज को खेले 50 साल होने लगे हैं जिसमें पहली बार ये बात उठी कि बल्लेबाज का सिर बचाओ अन्यथा कोई न कोई गेंद, सिर पर लगने से मर जाएगा। ये सीरीज क्रिकेट में हेलमेट की एंट्री के लिए जिम्मेदार थी। ये वह सीरीज थी जब लिखा गया कि ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली और जैफ थॉमसन ने 'बमबारी' की। इंग्लिश बल्लेबाजों की वह हालत हो गई थी कि क्रिकेट खेलना छोड़ने के बारे में सोचने लगे थे। ये थी 1974-75 की 'खूनी एशेज' सीरीज। सबसे पहले सीरीज के बारे में कुछ ख़ास बातें और उसके बाद एक ख़ास बल्लेबाज का जिक्र :
* 6 टेस्ट की सीरीज, हर टेस्ट 5 दिन चला और ऑस्ट्रेलिया ने इसे 4-1 से जीता। * कप्तान थे : इंग्लैंड- माइक डेनेस और ऑस्ट्रेलिया- इयान चैपल।
* 10 साल में पहली बार इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में हराया।
* चैपल की सख्त कप्तानी, डराने वाली तेज गेंदबाजी और लगातार स्लेजिंग की वजह से ऑस्ट्रेलिया टीम को तब 'बदसूरत ऑस्ट्रेलियाई (Ugly Australians)' लिखते थे।
* डेनिस लिली को 1973 में पीठ में चोट लगी थी, इस सीरीज से वापसी की और 23.94 औसत से 25 विकेट लिए।
* जेफ थॉमसन का एक्शन ऐसा था मानो जेवलिन थ्रो कर रहे हों- 33 विकेट (17.93) लिए।
* विजडन ने लिखा टेस्ट क्रिकेट के 98 साल में कभी भी बल्लेबाजों को ऐसी मुश्किल, खतरनाक, शॉर्ट-पिच गेंदों से इतनी बुरी तरह से चोट न आई और न हराया था।
* डेविड 'बम्बल' लॉयड के बॉक्स को पर्थ में थॉमसन की गेंद ने दो टुकड़े कर दिया था और उन्हें बुरी तरह से चोट लगी थी।
* इसके उलट ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज ढेरों रन बनाते रहे- ग्रेग चैपल 55.27 औसत से 608 रन, ओपनर इयान रेडपाथ- 472 रन (42.90), डग वाल्टर्स ने एक सैशन में 100 बनाया।
* चोटिल और घायल इतने ज्यादा थे एक मैच में इंग्लैंड ने एक लोकल खिलाड़ी इस्तेमाल किया।
* सीरीज के बीच में, 41 साल के कॉलिन काउड्रे को, टीम की मदद के लिए, उनके 6वें ऑस्ट्रेलिया टूर पर भेजा गया। बिना किसी मैच प्रैक्टिस वे पर्थ टेस्ट में ओपनर थे। ख़बरें सुन कर उनकी पत्नी ने फोम पैडिंग को उनकी हर शर्ट के अंदर सिल दिया था।
* कप्तान माइक डेनेस की हालत ये थी ख़राब फॉर्म की वजह से, टेस्ट टीम से खुद ही बाहर हो गए- लौटे तो 6 वें टेस्ट में 188 रन बनाए और टेस्ट पारी से जीता।
* कीथ फ्लेचर की कैप पर लगे बैज को थॉमसन के एक लिफ्टर ने उड़ा दिया।
* लिली के एक बाउंसर ने जॉन एड्रिच की दो पसलियां तोड़ दीं।
* सभी 6 टेस्ट मैचों में एक अंपायर टॉम ब्रूक्स- वे चुपचाप इस डराने-धमकाने वाली गेंदबाजी को देखते रहे।
* सीरीज को हेडलाइन का नाम मिला- ये बॉडीलाइन नहीं थी।