India vs England Test: इंग्लैंड ने जो क्रिकेट काफिला, इस साल भारत में 5 टेस्ट की सीरीज के लिए चुना उसके एक सदस्य की ख़ास चर्चा है- मैच खेलने वाले खिलाड़ियों से भी ज्यादा। ये हैं एक पेशेवर शेफ जिन्हें ईसीबी ने इस दलील के साथ टूरिंग पार्टी में शामिल किया कि कुछ खिलाड़ी भारत के 'मसालेदार भोजन' को हजम नहीं कर पाते। ये हैं मैनचेस्टर यूनाइटेड के शेफ उमर मेज़ियान। अब चर्चा का मुद्दा ये है कि आजकल तो टीमें विश्व प्रसिद्ध रेस्तरां वाले 5 स्टार होटलों में रहती हैं जहां न सिर्फ विदेशी मेहमान आते ही रहते हैं- उनके मेन्यू कार्ड में विश्व की सबसे बेहतरीन डिश भी हैं तो शेफ लाने की क्या जरूरत है? हां, कुछ साल पहले तक, क्रिकेट में, इस तरह के मसालेदार खाने से होने वाली तकलीफ की चर्चा एक आम बात थी। आईपीएल के दौरान विदेशी खिलाड़ी खाने की कोई शिकायत नहीं करते।
खैर शेफ को चुनने की वजह एक अलग चर्चा है पर इंग्लैंड के क्रिकेटरों और भारतीय भोजन से जुड़ी कई स्टोरी है और उन्हीं में से, इस मौके पर एक की चर्चा करते हैं। आज तक क्रिकेटर इसके बारे में बात करते हैं और भारत-इंग्लैंड क्रिकेट के संदर्भ वाली कई किताबों में इसका जिक्र है।
ये किस्सा है इंग्लैंड की भारत में 1992-93 सीरीज का। सीधे सीरीज के चेन्नई में दूसरे टेस्ट में चलते हैं- टेस्ट में इंग्लैंड की हार के बाद ब्रिटिश मीडिया में जो खबर छपीं उनमें आम तौर पर यही जिक्र था कि भारत के 11 खिलाड़ियों और झींगे (Prawn) की एक प्लेट ने इंग्लैंड को एक पारी और 22 रन से हरा दिया। झींगे टेस्ट के हीरो बन गए। असल में मैच से एक रात पहले कप्तान गूच और गैटिंग ने उस होटल में जहां टीम ठहरी थी- चायनीज रेस्तरां में खाना खाया था। गूच ने जो आर्डर दिया उसमें झींगे की एक प्लेट भी थी। उस वक्त तो खूब मजा लिया पर मैच की सुबह रिपोर्ट आई कि गूच बीमार हैं और उन्हें चक्कर आ रहे हैं- इसलिए नहीं खेलेंगे। ये तो बाद में पता चला कि असल माजरा तो पेट की तकलीफ है।