स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) के धूम-धाम से रिटायर होने के बाद एक बड़ा मजेदार मुद्दा ये चर्चा में आया है कि रिटायर होने का मुकाम कैसा हो? खुद ब्रॉड का आख़िरी टेस्ट मानो बेहतर तरीके से कोरियोग्राफ किया गया- टेस्ट क्रिकेट में आखिरी गेंद पर 6 और जो आख़िरी गेंद फेंकी उस पर टेस्ट जीतने वाला विकेट। ये मुकाम डॉन ब्रैडमैन, माइक आथर्टन और ग्रीम स्वान जैसों से बिलकुल अलग है जो निराशा के साथ गए और युवराज, वीरेंद्र सहवाग और हरभजन सिंह जैसों से भी बिलकुल अलग जिन्हें ये लगता रहा कि मजबूर कर दिया था रिटायर होने के लिए।
रिटायर होने के ऐसे अंदाज में ब्रॉड की बराबरी पर तो कोई नहीं है पर एक और क्रिकेटर का रिटायर होना ऐसा है कि कभी भूलता ही नहीं। मजे की बात ये है कि उस दिग्गज क्रिकेटर ने आखिरी फर्स्ट क्लास मैच में बड़े रिकॉर्ड तो नहीं बनाए पर कुछ ऐसा कर दिया जिससे ये मैच यादगार बन गया। ये क्रिकेटर हैं इंग्लैंड के इयान बॉथम।
इंटरनेशनल क्रिकेट में 1992 उनका आख़िरी सीजन था- मेहमान पाकिस्तान टीम के विरुद्ध अपना आख़िरी टेस्ट और वनडे खेले। फर्स्ट क्लास क्रिकेट 1993 तक खेलते रहे। आखिरकार 19 जुलाई, 1993 का वह दिन (यानि कि लगभग 30 साल पहले) आ गया जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इयान बॉथम का आखिरी दिन रहा। इंग्लैंड टूर पर थी ऑस्ट्रेलिया की टीम (वही सीरीज जिसमें शेन वार्न ने 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' फेंकी थी) और उन का मैच था डरहम काउंटी क्रिकेट क्लब के विरुद्ध। डरहम के कप्तान थे डेविड ग्रेवेनी (इंग्लैंड के मशहूर बल्लेबाज टॉम ग्रेवेनी के भतीजे) और उन्होंने बाद में बताया कि बॉथम ने उन्हें मैच से पहले ही कह दिया था कि वह मैच के बाद रिटायर हो जाएंगे। इस मैच के आखिरी दिन बॉथम ने ऑफिशियल तौर पर रिटायर होने की घोषणा की। मैच के आखिरी दिन जब बारिश की वजह से खेल कुछ देर रुका तो बॉथम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली और उसी में अपना फैसला बताया।