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पहलवान अंतिम के कोच ने कहा, उसने धोखाधड़ी करके नहीं, बल्कि 53 किग्रा में कोटा हासिल किया

Paris Olympic Games: विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने से न केवल उनकी स्वर्ण पदक की उम्मीद टूट गई है, बल्कि कई विवाद और सवाल भी खड़े हो गए हैं।

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IANS News
By IANS News August 08, 2024 • 16:06 PM
Antim Panghal, Aman Sehrawat only  Indian wrestlers given seedings for their respective weight categ
Antim Panghal, Aman Sehrawat only Indian wrestlers given seedings for their respective weight categ (Image Source: IANS)

Paris Olympic Games: विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने से न केवल उनकी स्वर्ण पदक की उम्मीद टूट गई है, बल्कि कई विवाद और सवाल भी खड़े हो गए हैं।

महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा कर रही विनेश को फाइनल मुकाबले से पहले ओवरवेट पाया गया और उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया।

विनेश रात भर जागी और कड़ी मेहनत की। तमाम कोशिशों जिनमें जॉगिंग, साइकिलिंग, बाल और कपड़े छोटे करना सब शामिल है लेकिन वो अपने वेट कैटेगरी में फिट नहीं हो पाई और मात्र 100 ग्राम अधिक होने के कारण मेडल से चूक गई।

इस डिसक्वालिफिकेशन ने लोगों को चौंका दिया और एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया, जिसमें कई लोगों ने स्थिति की निष्पक्षता और 53 किलोग्राम वर्ग में अंतिम के कोटा के आसपास की परिस्थितियों पर सवाल उठाए, ये वो श्रेणी है जिसमें विनेश पहले लड़ती थी।

अंतिम के कोच विकास ने धोखाधड़ी के आरोपों को संबोधित किया और आईएनएस को स्पष्ट किया कि अंतिम ने निष्पक्ष तरीके से अपना स्थान अर्जित किया। जब अंतिम को 53 किलोग्राम में चुना गया था, तब विनेश चोटिल थी, और उसने भारत के लिए कोटा जीता। किसी ने कोई धोखाधड़ी नहीं की।"

जब विनेश चोट से उबर रही थीं, तब अंतिम भारतीय कुश्ती में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरीं। अंतिम के प्रदर्शन ने उन्हें महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में पहला सीनियर विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक दिलाया और पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा हासिल किया। इससे विनेश के पास महिला कुश्ती वर्ग में सबसे हल्के 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

विभिन्न भार वर्गों में विनेश की यात्रा पहलवानों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करती है। उन्होंने 22 साल की उम्र में 2016 रियो ओलंपिक में 48 किलोग्राम वर्ग में भाग लिया था। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, उस वजन को बनाए रखना उसके लिए मुश्किल होता गया।

जब विनेश चोट से उबर रही थीं, तब अंतिम भारतीय कुश्ती में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरीं। अंतिम के प्रदर्शन ने उन्हें महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में पहला सीनियर विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक दिलाया और पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा हासिल किया। इससे विनेश के पास महिला कुश्ती वर्ग में सबसे हल्के 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

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Article Source: IANS


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