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चाहे बजट हो कम लेकिन ओलंपियनों पर भारी पड़ा पैरा ओलंपियनों का दमखम

Individual Recurve Open: अगर किस्मत में लिखा हो तो राजा रंक बन सकता है और रंक राजा। कुछ ऐसा ही दौर दूर देश के शहर पेरिस में चल रहा है। ओलंपिक के मंच पर जहां भारत कभी तकदीर की मार, तो कभी नियमों का उलाहना दे अपनी नाकामियां छुपा रहा था। अब उसी मंच पर भारत अपना दबदबा दुनिया के सामने पेश कर रहा है। बस फर्क इतना है कि इस बार टूर्नामेंट पैरालंपिक है।

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IANS News
By IANS News September 08, 2024 • 10:42 AM
Archer Harvinder clinches gold in Men's Individual Recurve Open in the Paralympic Games in Paris on
Archer Harvinder clinches gold in Men's Individual Recurve Open in the Paralympic Games in Paris on (Image Source: IANS)

Individual Recurve Open: अगर किस्मत में लिखा हो तो राजा रंक बन सकता है और रंक राजा। कुछ ऐसा ही दौर दूर देश के शहर पेरिस में चल रहा है। ओलंपिक के मंच पर जहां भारत कभी तकदीर की मार, तो कभी नियमों का उलाहना दे अपनी नाकामियां छुपा रहा था। अब उसी मंच पर भारत अपना दबदबा दुनिया के सामने पेश कर रहा है। बस फर्क इतना है कि इस बार टूर्नामेंट पैरालंपिक है।

पैरालंपिक में अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ते हुए देश ने कुल मेडलों का अर्धशतक पूरा किया। पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 29 (7 गोल्ड, 9 सिल्वर, 13 ब्रॉन्ज) अपने नाम कर लिया है, और अब भी कई मेडल आने की संभावना है। दूसरी तरफ पेरिस ओलंपिक में जहां भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं, वहां कुल 6 मेडल (1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज) देश के नाम रहे।

तीरंदाजी में भारत ने ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं जीता था, ये सपना भी पैरा एथलीट ने पूरा किया। ओलंपिक में भारत ने कुल 117 सदस्यीय दल उतारा था, जबकि पैरालंपिक में इसकी संख्या 86 थी। लेकिन पदक मामले में दोनों के बीच का अंतर काफी बड़ा है।

मजेदार बात यह है कि इस उम्दा परफॉर्मेंस की उम्मीद पैरा-एथलीटों से किसी ने नहीं की थी। या यूं कह लीजिए सभी ने उनको कम आंका। बेशक अंक तालिका पर यहां भी चीन, ग्रेट ब्रिटेन और यूएस का कब्जा हो लेकिन भारत भी टॉप-20 में शामिल है।

चाहे बात सुविधा, बजट या खिलाड़ियों को मिलने वाले इनाम की हो, हर पैमाने पर ओलंपिक में खेलने वाले खिलाड़ियों का बोलबाला रहा है। इस बात का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि जितना खर्च भारतीय सरकार ओलंपिक के लिए करती है उसका 5-10 प्रतिशत खर्च पैरालंपिक पर नहीं होता। उदाहरण के लिए (ओलंपिक का बजट 500 करोड़ है, तो पैरालंपिक पर यह बजट 20-30 करोड़ होगा। मगर, जब बात प्रदर्शन की हो तो इन पैरा एथलीटों ने खुद की काबिलियत दुनिया के सामने पेश की।

मजेदार बात यह है कि इस उम्दा परफॉर्मेंस की उम्मीद पैरा-एथलीटों से किसी ने नहीं की थी। या यूं कह लीजिए सभी ने उनको कम आंका। बेशक अंक तालिका पर यहां भी चीन, ग्रेट ब्रिटेन और यूएस का कब्जा हो लेकिन भारत भी टॉप-20 में शामिल है।

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Article Source: IANS


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