Individual Recurve Open: अगर किस्मत में लिखा हो तो राजा रंक बन सकता है और रंक राजा। कुछ ऐसा ही दौर दूर देश के शहर पेरिस में चल रहा है। ओलंपिक के मंच पर जहां भारत कभी तकदीर की मार, तो कभी नियमों का उलाहना दे अपनी नाकामियां छुपा रहा था। अब उसी मंच पर भारत अपना दबदबा दुनिया के सामने पेश कर रहा है। बस फर्क इतना है कि इस बार टूर्नामेंट पैरालंपिक है।
पैरालंपिक में अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ते हुए देश ने कुल मेडलों का अर्धशतक पूरा किया। पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 29 (7 गोल्ड, 9 सिल्वर, 13 ब्रॉन्ज) अपने नाम कर लिया है, और अब भी कई मेडल आने की संभावना है। दूसरी तरफ पेरिस ओलंपिक में जहां भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं, वहां कुल 6 मेडल (1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज) देश के नाम रहे।
तीरंदाजी में भारत ने ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं जीता था, ये सपना भी पैरा एथलीट ने पूरा किया। ओलंपिक में भारत ने कुल 117 सदस्यीय दल उतारा था, जबकि पैरालंपिक में इसकी संख्या 86 थी। लेकिन पदक मामले में दोनों के बीच का अंतर काफी बड़ा है।