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ऊंची उड़ान भरने का लक्ष्य लेकर एशियन गेम्स में उतरेगी भारतीय महिला रग्बी टीम

Asian Games: सातवें स्थान पर काबिज भारतीय महिला रग्बी टीम 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चीन के हांगझाऊ में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में ऊंची उड़ान भरने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

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IANS News
By IANS News September 20, 2023 • 22:00 PM
Asian Games: Indian women’s rugby team aims to fly high
Asian Games: Indian women’s rugby team aims to fly high (Image Source: IANS)

Asian Games:  सातवें स्थान पर काबिज भारतीय महिला रग्बी टीम 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक चीन के हांगझाऊ में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में ऊंची उड़ान भरने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

भारत का अभियान 24 सितंबर को सुबह के सत्र में हांगकांग के खिलाफ शुरू होगा, इसके बाद दोपहर के सत्र में गत चैंपियन जापान के खिलाफ मुकाबला खेला जाएगा।

जापान, हांगकांग और सिंगापुर के साथ पूल एफ में शामिल भारत को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए शीर्ष दो टीमों में से एक के रूप में क्वालीफाई करना होगा।

अंतिम रग्बी सेवन्स टीम में शीतल शर्मा (कप्तान), संध्या राय (उप कप्तान), स्वेता शाही, मामा नाइक, कल्याणी पाटिल, वैष्णवी पाटिल, लछमी ओरांव, डुमुनी मार्ंडी, हुपी माझी, शिखा यादव, तारुलता नाइक और प्रिया बंसल शामिल हैं।

शीतल ने उस टीम की कप्तानी की जिसने हाल ही में मलेशिया में आयोजित बोर्नियो 7 में अच्छा प्रदर्शन किया, जहां वे चौथे स्थान पर रहे।

पिछले कुछ सालों में लड़कियों का सफर बेहद शानदार रहा है। आईएएनएस उन पांच खिलाड़ियों पर एक नजर डाल रहा है जो एशियाई खेलों की टीम का हिस्सा हैं।

शीतल शर्मा: यह खिलाड़ी एथलेटिक परिवार से ताल्लुक रखती है और पिछले आठ वर्षों से रग्बी खेल रही हैं, जिनमें से पिछले पांच वर्षों से उन्होंने एशियाई स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह चीन में होने वाले मेगा इवेंट में टीम का नेतृत्व कैसे करती हैं।

संध्या राय: पश्चिम बंगाल के सरस्वतीपुर की 23 वर्षीय यह खिलाड़ी चाय के बागान में काम करने वाले मजदूर की बेटी है।

इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है और भारी चुनौतियों का सामना किया। संध्या का परिचय रग्बी से 2013 में हुआ, जब कोलकाता की एक शौकिया रग्बी टीम, जंगल क्रोज़ के कुछ खिलाड़ी गांव में बच्चों को प्रशिक्षित करने आए।

वह इस खेल से इतनी प्रभावित हो गई कि अब वह एक ऐसी खिलाड़ी बन गई है जिस पर सबकी नजर रहेगी और विरोधी उसकी हर हरकत पर नजर रखेंगे।

तारुलता और मामा नाइक: ओडिशा के क्योंझर जिले की रहने वाली तारुलता और मामा दोनों को स्कूल में रग्बी से परिचित कराया गया था। वे दर्शक के रूप में उत्साहपूर्वक खेल देख रहे थे, तभी टीम के कोच ने लड़कियों से पूछा कि क्या वे इस खेल में भाग लेना चाहेंगी और तब से उनका जुड़ाव इस खेल से हुआ।

आज, मामा भारतीय अंडर-18 और अंडर-20 दोनों टीमों के कप्तान का हैं। दूसरी ओर, तारुलता ने सीनियर महिला टीम में भी हिस्सा लिया है।

श्वेता शाही: श्वेता बिहार के घरेलू सर्किट से आती हैं और उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने समुदाय में विभिन्न रूढ़ियों का सामना किया। श्वेता श्रीलंका, दुबई और दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियाई रग्बी सेवन्स श्रृंखला में भारतीय दल का अभिन्न अंग रही हैं।


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