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बॉक्सिंग में अर्जुन अवॉर्ड पाने वाली नीतू हरियाणा की तीसरी बेटी बनेगी

Commonwealth Games: 'म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं'। खिलाड़ियों पर बनी फ़िल्म 'दंगल' के इस डायलॉग को भिवानी की बॉक्सर बेटी नीतू घनघस ने एक बार फिर सार्थक किया है क्योंकि खेल विभाग द्वारा जारी अवार्ड की लिस्ट में नीतू का नाम सबसे उपर है। इसके बाद मिनी क्यूबा भिवानी में हर कोई ख़ुशी और गर्व जता रहा है।

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IANS News
By IANS News January 02, 2025 • 20:08 PM
Commonwealth Games, CWG, Nitu Ghanghas,
Commonwealth Games, CWG, Nitu Ghanghas, (Image Source: IANS)

Commonwealth Games: 'म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं'। खिलाड़ियों पर बनी फ़िल्म 'दंगल' के इस डायलॉग को भिवानी की बॉक्सर बेटी नीतू घनघस ने एक बार फिर सार्थक किया है क्योंकि खेल विभाग द्वारा जारी अवार्ड की लिस्ट में नीतू का नाम सबसे उपर है। इसके बाद मिनी क्यूबा भिवानी में हर कोई ख़ुशी और गर्व जता रहा है।

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों के लिए अर्जुन अवार्ड की घोषणा की है जिसमें मिनी क्यूबा के नाम से प्रसिद्ध भिवानी की बॉक्सर बेटी नीतू घनघस का नाम सबसे उपर है। नीतू को अर्जुन अवॉर्ड मिलने की सूचना मिलते ही पूरे जिले में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी। पर बड़ी और ख़ास बात ये है कि इस ख़ुशी को भी नीतू व उनके कोच जश्न मनाकर समय ख़राब करने की बजाय रिंग में दिखे। दोनों आज भी बॉक्सिंग रिंग में पसीना बहा रहे हैं। ताकि अगले साल होने वाले कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स तथा 2028 के ओलंपिक में विजेता बन सकें।

अर्जुन अवार्ड मिलने पर नीतू घनघस ने ख़ुशी जताई है। इसके लिए उसने अपने कोच जगदीश और परिजनों को श्रेय दिया है। नीतू ने कहा कि इस अवार्ड से उसे कॉमनवेल्थ और एशियन खेलों में जीत के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं कोच जगदीश ने कहा कि बॉक्सिंग में हरियाणा में कविता चहल व सोनिया लाठर को अर्जुन अवार्ड मिला है। इसके बाद नीतू अर्जुन अवार्ड पाने वाली हरियाणा की तीसरी बॉक्सर बेटी बन गई है। कोच ने ख़ुशी जताते हुए कहा कि नीतू को अर्जुन अवार्ड मिलने पर अन्य बॉक्सर बेटियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों के लिए अर्जुन अवार्ड की घोषणा की है जिसमें मिनी क्यूबा के नाम से प्रसिद्ध भिवानी की बॉक्सर बेटी नीतू घनघस का नाम सबसे उपर है। नीतू को अर्जुन अवॉर्ड मिलने की सूचना मिलते ही पूरे जिले में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी। पर बड़ी और ख़ास बात ये है कि इस ख़ुशी को भी नीतू व उनके कोच जश्न मनाकर समय ख़राब करने की बजाय रिंग में दिखे। दोनों आज भी बॉक्सिंग रिंग में पसीना बहा रहे हैं। ताकि अगले साल होने वाले कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स तथा 2028 के ओलंपिक में विजेता बन सकें।

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Article Source: IANS


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