Piper Gilles: बर्फ पर खेले जाने वाले 'फिगर स्केटिंग' को कलात्मक खेलों में जाना जाता है, जिसमें खिलाड़ी संगीत के साथ संतुलन, स्पिन, जंप और स्टेप्स का प्रदर्शन करते हुए मेडल जीतने की कोशिश करते हैं। तकनीक और कला का यह अनोखा मेल ओलंपिक का अहम हिस्सा माना जाता है।
शीतकालीन ओलंपिक के सबसे पुराने गेम्स में शुमार इस खेल का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से शुरू होता है, जहां हड्डियों के स्केट का इस्तेमाल होता था। 3000 ईसा पूर्व के आसपास स्कैंडिनेविया और रूस में जानवरों की हड्डियों से बने स्केट्स के साक्ष्य पाए गए हैं। इसके बाद 13वीं-14वीं सदी में डच लोगों ने इस स्केट्स पर धारियां जोड़ीं, जिससे पैरों के साथ स्केट की पकड़ मजबूत बनी और बर्फ पर बेहतर ग्लाइडिंग संभव हुई।
1740 के दशक में स्कॉटलैंड में पहला संगठित फिगर स्केटिंग क्लब बना। साल 1772 में रॉबर्ट जोंस ने 'ए ट्रीटीज ऑन स्केटिंग' नामक एक किताब में बर्फ पर आकृतियां बनाना सिखाया, जिन्हें 'आधुनिक फिगर स्केटिंग का जनक' कहा गया।