ओलंपिक संघ के फैसले पर बोले संजय सिंह : 'एडहॉक कमेटी को मैं नहीं मानता'
Brij Bhushan Sharan Singh: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा बनायी गई एडहॉक कमेटी को मानने से इनकार कर दिया है।
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संजय सिंह के करीबी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने एडहॉक कमेटी को मानने से इनकार कर दिया है और इस मुद्दे पर खेल मंत्री के साथ चर्चा करने की योजना बना रहे हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बुधवार को तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया, जिसे डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के संचालन की देखरेख का काम सौंपा गया है।
समिति की अध्यक्षता भूपिंदर सिंह बाजवा करेंगे, जो वुशू एसोसिएशन ऑफ इंडिया में अध्यक्ष पद पर हैं। अन्य दो सदस्यों में हॉकी के ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर शामिल हैं।
खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर को अंडर 15 और अंडर 20 नेशन्लस को आयोजित करने की घोषणा पर चुनाव के तीन दिन बाद सिंह के नेतृत्व वाली नई डब्ल्यूएफआई संस्था को निलंबित कर दिया।
आईओए को डब्ल्यूएफआई के संचालन की देखरेख के लिए एक अस्थायी पैनल स्थापित करने के लिए कहा है।
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने पैनल को निलंबित करते हुए इस फैसले को ''जल्दबाजी'' करार दिया और कहा कि यह फैसला डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना लिया गया था।
सिंह, जो डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। उन्होंने दावा किया कि वह खेल मंत्रालय द्वारा अपने पैनल के निलंबन के खिलाफ कानूनी सलाह लेंगे।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वो कानूनी सलाह लेने से पहले वह केंद्र सरकार से बात करेंगे।