South Korea: कोरियन मार्शल आर्ट 'ताइक्वांडो' की उत्पत्ति और इतिहास के बारे में कई किवदंतियां प्रचलित हैं। इसे बोधिधर्म (पांचवीं से छठी शताब्दी) नामक एक भारतीय बौद्ध भिक्षु से भी जोड़कर देखा जाता है, जिनका जन्म दक्षिण भारत में 'पल्लव राज्य' के राज परिवार में हुआ था।
मान्यता है कि उन्होंने ही चीन की यात्रा करते हुए हेनान प्रांत में स्थित शाओलिन मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं को मानसिक और शारीरिक प्रशिक्षण की ऐसी तकनीक से परिचित कराया, जिसमें मंदिर की मूर्तियों की नकल करते हुए 'ताई ची' के समान 18 मुद्राएं शामिल थी। यही भिक्षु आगे चलकर चीन के योद्धा बने।
थ्री-किंगडम युग में जब शिल्ला राजवंश के योद्धाओं ने एक मार्शल आर्ट विकसित की। इसे 'ताइक्योन' नाम दिया गया, जिसका अर्थ 'पैर-हाथ' है। इसमें पैर और हाथों से प्रहार की तकनीकें सिखाई जाती थीं, जिसने आत्मरक्षा, अनुशासन और शारीरिक फिटनेस पर जोर दिया।