भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इंग्लैंड को 1-1 की बराबरी पर रोका
भारतीय पुरुष हॉकी टीम अपने जुझारु प्रदर्शन के बावजूद चल रहे 100वीं वर्षगांठ स्पेनिश हॉकी फेडरेशन-इंटरनेशनल टूर्नामेंट (टोरनेओ डेल सेंटेनारियो) में फाइनल की रेस से बाहर हो गई।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम अपने जुझारु प्रदर्शन के बावजूद चल रहे 100वीं वर्षगांठ स्पेनिश हॉकी फेडरेशन-इंटरनेशनल टूर्नामेंट (टोरनेओ डेल सेंटेनारियो) में फाइनल की रेस से बाहर हो गई।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अपने तीसरे मैच में इंग्लैंड को 1-1 से बराबरी पर रोका जरूर लेकिन वो फाइनल में जगह बनाने में असफल रहे। इंग्लैंड के सैम वार्ड ने 5वें मिनट में अपनी टीम के लिए शुरुआती गोल किया, वहीं भारत ने 29वें मिनट में हरमनप्रीत सिंह के गोल से वापसी करते हुए स्कोर बराबर कर दिया।
अपने पिछले मैचों में मेजबानों से हारने और नीदरलैंड के साथ ड्रॉ खेलने के बाद भारतीय टीम एक जीत और टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने की तलाश में थी। हालांकि, इंग्लैंड के खिलाफ ड्रा का मतलब है कि भारत अब चार देशों के हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल की दौड़ से बाहर हो गया है।
भारत अब स्वदेश लौटने से पहले तीसरे स्थान का प्लेऑफ़ मैच खेलेगा।
भारतीय टीम मैदान पर अपनी सकारात्मक रवैये के साथ उतरी लेकिन सैम वार्ड के शुरुआती गोल के साथ ही इंग्लैंड ने मैच में पकड़ बना ली।
इस गोल ने कुछ समय के लिए भारतीय टीम को मुश्किल में जरूर डाला लेकिन शुरुआती झटके के बावजूद भारत ने शानदार दृढ़ता दिखाई और सराहनीय दो पेनल्टी कॉर्नर का बचाव किया।
इस बीच, भारतीय फॉरवर्डलाइन ने अपना आक्रमण जारी रखा और 12वें मिनट में एक अच्छा पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल में तब्दील किया। मगर दुर्भाग्य से भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह के खतरनाक खेल के कारण अंपायर ने उनके गोल को अस्वीकार कर दिया।
भारत को इंग्लैंड की रक्षापंक्ति में सेंध लगाने में काफी मेहनत करनी पड़ी और 29वें मिनट में हरमनप्रीत के गोल ने स्कोर बराबर कर दिया।
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स्कोर 1-1 होने के कारण अंतिम क्वार्टर भारत के लिए तनावपूर्ण रहा, क्योंकि एक और ड्रा टीम को रविवार को होने वाले फाइनल की दौड़ से बाहर कर देता। लाख कोशिशों के बावजूद और श्रीजेश की शानदार गोलकीपिंग भी भारत के लिए फाइनल में जाने का रास्ता तय नहीं कर पाई।