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अंडर-23 विश्व चैंपियन रीतिका हुडा राष्ट्रीय खेलों के बाद बड़ी चुनौतियों के लिए तैयार

Reetika Hooda: पिछले हफ्ते अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान रीतिका हुडा को 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए सीधे गोवा जाना था। लेकिन थकान का कोई लक्षण दिखाने के बजाय उन्होंने पूरी ताकत के साथ इसमें हिस्सा लिया और बुधवार शाम को 76 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।

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IANS News
By IANS News November 02, 2023 • 17:10 PM
U23 world champion Reetika Hooda ready for bigger challenges after National Games
U23 world champion Reetika Hooda ready for bigger challenges after National Games (Image Source: IANS)
Reetika Hooda: पिछले हफ्ते अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान रीतिका हुडा को 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए सीधे गोवा जाना था। लेकिन थकान का कोई लक्षण दिखाने के बजाय उन्होंने पूरी ताकत के साथ इसमें हिस्सा लिया और बुधवार शाम को 76 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।

रीतिका, जो अधिक वजन वर्ग में चली गई क्योंकि 72 किग्रा वर्ग ओलंपिक का हिस्सा नहीं है।

पहले से ही पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई करने के बारे में सोच रही रीतिका को लगता है कि गोवा में राष्ट्रीय खेल उनके लिए यह दिखाने का एक अच्छा अवसर था कि वह इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। इसके साथ ही वो विश्व चैंपियनशिप के बाद भारत में अन्य मुकाबलों के लिए भी तैयार हैं।

दिव्या काकरन के खिलाफ फाइनल जीतने के बाद रीतिका ने कहा, "मैं पिछले कुछ समय से इन लड़कियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हूं। मैं कई बार जीती हूं और हारी भी हूं। मैं इस टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने की मानसिकता के साथ आई थी। मैं आश्वस्त थी और यह मेरे प्रदर्शन में दिखा।"

कैंपल स्पोर्ट्स विलेज में कुश्ती प्रतियोगिता के शुरुआती दिन रितिका ने मुकाबले पर तब नियंत्रण बना लिया जब उन्होंने कुछ टेक डाउन हासिल किये और दिव्या को टखने में चोट लग गयी।

अल्बानिया के तिराना में विश्व अंडर-23 चैंपियनशिप में अपने अनुभव के बारे में बोलते हुए रीतिका ने कहा, "स्वर्ण जीतने की भावना विशेष थी। लेकिन मैंने अपने सीनियर्स को जीतने के बाद भारतीय ध्वज लहराते देखा था। थोड़ी निराश हूं कि मैं ऐसा नहीं कर सकी क्योंकि मैं यूडब्ल्यूडब्ल्यू बैनर के तहत खेल रही थी।

हैंडबॉल में अपनी किस्मत आजमाने के बाद कुश्ती की ओर रुख करने वाली रीतिका ने कहा कि जल्द ही राष्ट्रीय खेलों में खेलने से उन्हें घर पर रहने का एहसास हुआ, जहां सीनियर्स और दोस्त उनका हौसला बढ़ा रहे थे।

अब उनका प्राथमिक लक्ष्य लय बरकरार रखना और अगले साल पेरिस में तिरंगा लहराने की स्थिति में रहना है।


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