सचिन खिलारी ने पुरुषों की शॉटपुट एफ46 स्पर्धा में जीता रजत
World Para: पेरिस पैरालंपिक में भारत का दमदार प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को 20 मेडल के साथ समापन करने के बाद बुधवार का आगाज भी भारतीय दल ने रजत के साथ किया है। सचिन खिलारी ने पुरुषों की शॉटपुट एफ 46 स्पर्धा में 16.32 मीटर के एशियाई रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता।
World Para: पेरिस पैरालंपिक में भारत का दमदार प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को 20 मेडल के साथ समापन करने के बाद बुधवार का आगाज भी भारतीय दल ने रजत के साथ किया है। सचिन खिलारी ने पुरुषों की शॉटपुट एफ 46 स्पर्धा में 16.32 मीटर के एशियाई रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता।
खिलारी कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट से पीछे रहे, जिन्होंने 16.38 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज किया, जो इस सीजन का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
अन्य भारतीयो में मोहम्मद यासर (14.21 मीटर) और रोहित कुमार (14.10 मीटर) क्रमशः आठवें और नौवें स्थान पर रहे।
मौजूदा विश्व चैंपियन सचिन ने इससे पहले मई में जापान के कोबे में विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान 16.30 मीटर के थ्रो के साथ एशियाई रिकॉर्ड बनाया था।
एक मामूली और किसान परिवार में जन्मे सचिन खिलारी महाराष्ट्र के सांगली जिले के करगानी गांव से ताल्लुक रखते हैं। स्कूल में हुए एक हादसे का शिकार यह एथलीट उस घटना के बाद विकलांग हो गया।
खेल और शिक्षा दोनों में शानदार प्रदर्शन करने वाले सचिन ने मैकेनिकल इंजीनियर की है। वह विभिन्न संस्थानों में विजिटिंग फैकल्टी सदस्य के रूप में भी काम करते हैं, और छात्रों को उनकी एमपीएससी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में सहायता करते हैं।
खिलारी की पिछली उपलब्धियों में पर नजर डाले तो, उनके नाम- एशियाई पैरा खेल (2022) स्वर्ण पदक, विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (2024) स्वर्ण पदक, विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (2023) एशिया रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक, (2023)- एशिया रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक। उनके नाम राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5 बार स्वर्ण पदक है।
खेल और शिक्षा दोनों में शानदार प्रदर्शन करने वाले सचिन ने मैकेनिकल इंजीनियर की है। वह विभिन्न संस्थानों में विजिटिंग फैकल्टी सदस्य के रूप में भी काम करते हैं, और छात्रों को उनकी एमपीएससी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में सहायता करते हैं।
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Article Source: IANS