झूलन गोस्वामी ने कहा, वर्ल्ड कप 2017 भारत के महिला क्रिकेट में क्रांति लाया
अनुभवी भारतीय महिला तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी का मानना है कि महिलाओं की इंडियन प्रीमियर लीग देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी और इससे युवा महिला क्रिकेटरों को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाओं के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका मिलेगा। झूलन ने स्पोर्ट्सटाइगर के 'ऑफ द फील्ड' शो में कहा, "जहां तक आईपीएल का सवाल है, हम चाहते हैं कि इस टूर्नामेंट की शुरुआत हो और हम सभी इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। महिला आईपीएल देश के लिए और युवा महिला क्रिकेटरों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि वे भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाओं के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करेंगी।"
37 वर्ष की हो चुकी झूलन वनडे 225 विकेट ले चुकी हैं, वह महिला क्रिकेट में इस फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी हैं। वह मानती हैं कि उम्र केवल एक संख्या है सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण खेल के प्रति जुनून है।
उन्होंने कहा, "एक पेशेवर एथलीट के रूप में आप उम्र के बारे में कभी नहीं सोचते। आप बस अपने जुनून, कड़ी मेहनत और खेल के प्रति प्यार को अपने ध्यान में रखते हैं। आप बस जितना संभव हो उतना समय मैदान पर बिताना चाहते हैं और यह किसी भी एथलीट के लिए सबसे संतुष्टि भरा होता है और मैं खुद खेल का आनंद ले रही हूं।"
भारत 2017 में आईसीसी महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी और गोस्वामी टीम की एक प्रमुख सदस्य थीं। भारतीय इससे पहले खिताब के इतना नजदीक कभी नहीं पहुंची थी, लेकिन फाइनल में उसे इंग्लैंड के हाथों नौ रन से हार का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने वर्ल्ड कप नहीं जीत पाने पर अफसोस करते हुए कहा, "लॉर्डस के मैदान पर वर्ल्ड कप फाइनल खेलना बहुत बड़ी उपलब्धि थी। हमने वर्ल्ड कप की काफी अच्छी शुरुआत की थी और शुरू से ही टीम ने बेहतर प्रयास किए थे। चाहे आप स्मृति मंधाना, मिताली राज, एकता बिष्ट, दीप्ति शर्मा, शिखा पांडे या राजेश्वरी गायकवाड़ के बारे में बात करें। सभी ने बेहतरीन योगदान दिया था। एक टीम के रूप में हमने जज्बा दिखाया और प्रदर्शन किया।"
झूलन ने कहा, "हम फाइनल में पहुंच गए थे और अंतिम 10 ओवरों में हम मैच हार गए। मैच के 90 ओवरों में हमने मैच में अपना दबदबा बनाए रखा था और यह इंग्लैंड की गेंदबाजी के केवल आखिरी 10 ओवर थे, जहां हम दबाव नहीं झेल सके थे।"
उन्होंने कहा, "यह एक अफसोस है कि हम वर्ल्ड कप के इतना नजदीक पहुंच कर हार गए थे लेकिन हमें आगे बढ़ना होता है। 2017 का वर्ल्ड कप हारने के बावजूद यह वर्ष हमारे देश में महिला क्रिकेट के लिए क्रांति का वर्ष था। मुझे लगता है कि महिलाओं की क्रिकेट के लिए जिस गति और प्रेरणा की जरूरत थी, वो हमारे द्वारा स्थापित की गई थी।"