जब अजय जडेजा ने मचाया बल्ले से कोहराम

Updated: Fri, Feb 06 2015 01:23 IST

भारत और पाकिस्तान के बीच 1996 का क्वार्टर फाइनल सही मायने में जडेजा के रनों की बरसात के लिए याद किया जाता है। अजय जडेजा ने अपनी बल्लेबाजी के जबरदस्त धमाके से डेथ ओवरों में वकार यूनिस के 2 ओवरों में 40 रन बटोर कर जडेजा ने पाकिस्तानी टीम को बैक फुट पर ला दिया। भारतीय पारी के अंतिम 3 ओवरों में पाकिस्तानी गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को 51 रन दे दिए थे, जिससे भारत ने पाकिस्तान के सामने 287 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर दिया था ।


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9 मार्च 1996 को बेंग्लूरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में  दूसरे क्वार्टर फाइनल में अपने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। नवजोत सिंह सिद्धू औऱ तेंदुलकर ने पारी की शुरूआत बेहद ही संयम से करी।  सिद्धू ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 93 रनों की पारी खेली लेकिन मुश्ताक अहमद की फ्लिपर गेंद से चकमा खा गए और शतक बनानें से महरूम रह गए थे । 168 रन पर 2 विकेट गिरने के बाद भारत का रन – रेट 4 रन प्रति ओवर के आस- पास ही था। 

भारत के बल्लेबाज अच्छी शुरूआत के बाद स्कोर को आगे ले जाने मे पूरी तरह असमर्थ नजर आ रहे थे। देखते – देखते भारत की आधी टीम 226 रन पर वापस पवेलियन लौट चुकी थी। पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौती पेश करने की उम्मीद धूमिल पड़ती हुई नजर आ रही थी। अजय जडेजा क्रीज पर मौजूद थे,अंतिम 3 ओवर में भारत को ज्यादा से ज्यादा रन बटोरकर पाकिस्तान के सामने 250 के पार पहुंचाने की जिम्मेदारी अजय जडेजा के कंधे पर आ गई।  3 ओवर में धमाकेदार बल्लेबाजी कर जडेजा ने पाकिस्तान को चकित करके 51 रन जोड़े जिसमें वकार यूनिस के अंतिम 2 ओवर में अजय जडेजा ने अपने बल्ले से जो प्रहार किया उससे वकार यूनिस के पूरे गेंदबाजी समीकरण को बिगाड़कर भारतीय टीम को 287 रन के स्कोर तक पहुंचाने में असाधारण योगदान दिया। एक समय जहां वकार यूनिस ने अपने पहले के स्पैल में 8 ओवर में 27 रन दिए तो वहीं जडेजा को किए गए दो ओवर के बाद 10 ओवर में 67 रन देकर 2 विकेट के साथ उन्होंने अपनी गेंदबाजी खत्म करी।  

अजय जडेजा ने उस रोज वहां मौजूद सभी क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया था । जडेजा ने 25 गेंद पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 45 रन बनाएं जिसमें 4 चौके औऱ एक छक्का शामिल था। 

"अजय जडेजा उस मैच को याद करते हुए कहते हैं कि मैं जब बल्लेबाजी करने मैदान पर पहुंचा तो 8 ओवर का खेल शेष बचा था। डेंथ ओवरों में पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों के सामनें तेजी से रन बनाना मेरे लिए लिए एक कड़ी चुनौती थी। मैं स्पिन गेंदबाजी को बेहद अच्छी तरह से खेलता खासकर मुश्ताक अहमद का एक ओवर शेष बचा था तो मैं रणनीति के तहत गेंद दर गेंद खेलने की योजना को अंजाम देने में लगा रहा। 46वें ओवर में जब नयन मोंगिया रन आउट होकर पवेलियन पहुंचे तो मुझे अपने खेल को बदलना पड़ा। 48वें ओवर में वकार गेंदबाजी करने के लिए मेरे सामने थे। मैनें पहली गेंद पर कवर में चौका जड़ वकार यूनिस को हावी होने नहीं दिया। उस दिन गेंद मेरे बल्ले के बीचों – बीच आ रही थी, जिससे बेहद आसानी से बड़े स्ट्रोक खेलनें में सहूलियत हुई, सही मायने में वह मेरा दिन था।" 

अजय जडेजा के धमाकेदार बल्लेबाजी के कारण भारत ने पाकिस्तान के सामने 287 रन का लक्ष्य खड़ा किया। पाकिस्तान की टीम लक्ष्य से 37 रन पीछे रह गई जिससे भारत ने आसानी से मैच जीत लिया। पाकिस्तान की पूरी टीम 49 ओवरों में 248 रन ही बना सकी थी। 

"मैच के बाद पाकिस्तान के ही खिलाड़ी रशिद लतीफ ने जडेजा की इस शानदार पारी को वनडे क्रिकेट की बेहतरीन पारियों में से एक कहा था , उन्होंने कहा कि मैंने वनडे में खेली गई पारियों में जडेजा की पारी सबसे बेहतरीन थी। दरअसल, एक मायने में जडेजा वकार यूनिस के उस 2 ओवर में ही मैच हमसे छिन ले गए थे। वैसे तो जडेजा मैदान पर तिनुकमिजाज नजर आते थे पर उस मैच में जडेजा ने कोई भी शब्द नहीं कहा ,बस उन्होंने मैदान के बीचों –बीच वहीं किया जो करना चाहिए था।"

इस मैच में नवजोत सिंह सिद्धू को उनके 93 रन बनानें के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया पर मैच में जडेजा का डंका हमेशा के लिए क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में बस गया । 

 

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