फाइनल से पहले के फाइनल में जीता भारत

Updated: Tue, Nov 30 -0001 00:00 IST

वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को दुनिया के सबसे बड़े खेल मुकाबले के रूप में शुमार किया जाता है। दोनों टीमें जब भी आमनें-सामनें होती हैं तब मुकाबला हाई वोल्टेज होता है। 2011 वर्ल्ड कप से पहले भारत औऱ पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप में केवल चार मुकाबले खेले गए थे औऱ चारों मैचों में भारत ने ही बाजी पारी थी। 2011 वर्ल्ड कप में मोहाली के मैदान में जब दोनों टीमें पांचवीं बार आमनें-सामनें थी तब भी भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में अपना विजय अभियान जारी रखा और सेमीफाइनल में शानदार जीत हासिल कर फाइनल में जगह बनाई औऱ फिर वर्ल्ड चैंपियन भी बनी। वैसे भारतीयों के लिए यह मैच फाइनल से भी बड़ा था।

30 मार्च 2011 को दर्शकों से खचाखच भरे मोहाली स्टेडियम पर 2011 वर्ल्ड कप में दोनों टीमें के सेमीफाइनल मैच में एक दूसरे को हराने के ईरादे से मैदान पर उतरे थे।  भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। 

शाहिद अफरीदी की कप्तानी में खेल रही पाकिस्तानी टीम के लिए वह दिन फिल्डिंग के लिहाज से बेहद ही खराब था। भारत के सचिन तेंदुलकर ने उस मैच में शानदार 85 रन बनाएं थे। तेंदुलकर के बनाएं गए 85 रन में खास कर पाकिस्तानी फिल्डरों का खासा योगदान रहा था। सचिन जब 27, 45 70 और 81 रन पर कुल चार बार पाकिस्तनी फिल्डरों ने उनके कैच छोड़े थे। सचिन के साथ भारतीय पारी की शुरूआत करने आए विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अपना स्वभाविक खेल खेलते हुए पाकिस्तानी गेंदबाजों की जमकर धुनाई करी थी और 32 गेंद पर 38 रन बना डाले थे।

वर्ल्ड कप 2011 के मैचों में शरू से ही अपने बल्ले से कमाल दिखाने वाले बल्लेबाज युवराज सिंह के लिए वह मैच बल्लेबाजी के लिहाज से अच्छा नहीं रहा था और वह बिना कोई रन बनाए वहाब रिहाज की गेंद पर आउट हो गए थे।  पाकिस्तान की गेंदबाजी उस मैच में काफी किफायती रही थी जिसके कारण की भारत की टीम कोई बड़ा टोटल नहीं बना सकी थी। पाकिस्तानी गेंदबाज वहाब रियाज ने पांच विकेट लेकर भारत की टीम को ज्यादा बड़ा स्कोर करने से रोक दिया था। आखिरी ओवरों में कप्तान धोनी और सुरेश रैना की छोटी पारीयों के बदौलत भारत ने 50 ओवरों में 260 रन की चुनौती पाकिस्तान के सामने रखी थी। 

पाकिस्तान के लिए उस मैच में इतिहास को बदलने का सुनहरा अवसर था पर कोई भी पाकिस्तानी बल्लेबाज अपनी पारी को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाया और पाकिस्तान का भारत को उसी की धरती पर वर्ल्ड कप मे पहली बार हराने का सपना एक बार फिर टूट गया था। हालांकि पाकिस्तानी बल्लेबाज मिसबाह- उल – हक ने अर्धशतक जडा था पर छोटे – छोटे अंतराल पर विकेट गिरते रहने से पारिस्तान की टीम लक्षय को हासिल नहीं कर पाई थी।

पाकिस्तान की पूरी टीम 49.5 ओवर में केवल 231 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी। एकजुटता से गेंदबाजी करते हुए भारत के सभी 5 गेंदबाजों ने आपस में पाकिस्तान के 10 विकेट बांटे थे। 85 रन की शानदार पारी खेलने के लिए सचिन तेंदलकर को मैन ऑफ द मैच चुना गया था। भारत ने पाकिस्तान को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में अपनी सीट पक्की करी थी।

 

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