टीम इंडिया के वो 3 गेंदबाज, जो साल से पहले दिन से आखिरी दिन तक ICC Test Rankings में नंबर 1 गेंदबाज रहे

Updated: Sat, Jan 04 2025 13:56 IST
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2024 का कैलेंडर साल निकल गया। टीम इंडिया के लिए साल के आखिरी दिन अच्छे नहीं रहे- एक तरफ मेलबर्न टेस्ट में हार तो दूसरी तरफ ड्रेसिंग रूम के अंदर से बिखराव और दरार की ख़बरें। इन सब के बीच एक अच्छी खबर भी थी- 31 साल के जसप्रीत बुमराह, आईसीसी टेस्ट रेंकिंग में नंबर 1 गेंदबाज थे। तो नंबर 1 रेंकिंग और 900 पॉइंट को पार करना, दोनों ख़ास हैं। इसी मेलबर्न टेस्ट के दौरान जो सबसे ख़ास रिकॉर्ड बनाया वह ये कि टेस्ट क्रिकेट में कम से कम 200 विकेट लेने वालों में से अकेले ऐसे जिसने 20 से भी कम औसत से रन दिए (आख़िरी रिकॉर्ड : 19.42 औसत से 203 विकेट)। उनके करीब सिर्फ वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल (20.94), जोएल गार्नर (20.97) और कर्टली एम्ब्रोस (20.99) हैं। एक्टिव क्रिकेटरों में, कगिसो रबाडा (21.88 पर 321) और पैट कमिंस (22.54 पर 289) सबसे करीब हैं।

क्या इससे पहले भी किसी कैलेंडर साल के ख़त्म होने पर भारत का कोई गेंदबाज आईसीसी टेस्ट रेंकिंग में नंबर 1 रहा है? इस सवाल के जवाब से पहले आपको बता दें कि आईसीसी ने भले ही रेंकिंग कुछ साल पहले शुरू की पर टेस्ट क्रिकेट के पहले साल से, रिकॉर्ड के लिए, प्लेयर रेंकिंग की गणना की है। तो ये हैं भारत के वे 3 खिलाड़ी जो रेंक 1 टेस्ट गेंदबाज थे

साल के आख़िरी दिन : 

बिशन सिंह बेदी- 1973 में  

रवि अश्विन- 2015, 2016 और 2023 में 

जसप्रीत बुमराह- 2024 

कपिल देव और अनिल कुंबले जैसे गेंदबाज नंबर 2 रहे, उस आख़िरी दिन नंबर 1 नहीं थे। इसी तरह रवींद्र जडेजा साल के बीच नंबर 1 बने पर आख़िरी दिन तक रेंकिंग बदल चुकी थी। 

बिशन बेदी का 1973 के साल के आख़िरी दिन नंबर 1 गेंदबाज बनना उस दौर में बहुत बड़ी बात था और ख़ास बात ये कि उनसे पहले भारत का कोई भी गेंदबाज कभी आईसीसी रेंकिंग में नंबर 1 रहा ही नहीं। अपने दिनों में सिर्फ भारत के नहीं, दुनिया के सबसे बेहतर स्पिनरों में से एक थे वे और भागवत चंद्रशेखर, इरापल्ली प्रसन्ना और श्रीनिवास वेंकटराघवन के साथ मिलकर ऐसा घातक कॉम्बो बनाया था कि वहीं से भारतीय क्रिकेट का 'टर्न अराउंड' शुरू हुआ था। उस दौर में जबकि टेस्ट भी कम खेलते थे तो बेदी ने 67 टेस्ट में 28.71 औसत और 2.14 इकॉनमी रेट से 266 विकेट लिए। 31 दिसंबर 1973 के दिन बेदी का रिकॉर्ड था : 32 टेस्ट में 28.19 औसत से 121 विकेट। 

1966 से, जब बेदी पहली बार भारत के लिए खेले, 1970 के दशक के आखिर तक के उनके करियर के दौर को भारत में एक स्पिन क्रांति का नाम दे सकते हैं। आज के गेंदबाजों के रिकॉर्ड की तुलना में, भारत के उन चार स्पिन जादूगर के विकेट भले ही 'बहुत ज्यादा' न लगें, पर उस दौर में 200 विकेट लेना भी बहुत बड़ा रिकॉर्ड था। स्पिन चौकड़ी ने मिलकर 853 टेस्ट विकेट लिए- ये एंडी रॉबर्ट्स, जोएल गार्नर, माइकल होल्डिंग और कॉलिन क्रॉफ्ट के मिलकर 835 विकेट से भी ज्यादा हैं। जिन 98 टेस्ट मैच में भारत इनमें से एक या ज्यादा स्पिनर के साथ खेला- 23 जीते, 36 हारे और 39 ड्रा रहे। आज भले ही ये रिकॉर्ड प्रभावित न करे पर नोट कीजिए- इन स्पिनरों के टेस्ट में आने तक भारत ने 76 में से सिर्फ 7 टेस्ट जीते थे।

सर डॉन ब्रैडमैन ने यूं ही बेदी को सर्वकालिक ग्रेट खब्बू स्पिनर में से एक नहीं कहा और लिखा- 'बेदी की गेंदबाजी हमेशा स्टडी के लिए एक बड़ा अच्छा टॉपिक रहेगी। उनका रन-अप, गेंद की लेंथ, नाजुक उंगलियों के बीच गेंद जिससे गजब का कंट्रोल मिला और इसीलिए हर गेंद देखने लायक थी।' 

बेदी स्पिनर और बुमराह पेसर, इसलिए तुलना का कोई आधार नहीं बनता पर कुछ फैक्ट बड़े मजेदार हैं :

* बेदी मशहूर थे 'करोड़पति की तरह गेंदबाजी' के लिए यानि कि रन देते थे और  विकेट 'खरीदते' थे। जब बेदी 31 दिसंबर 1973 के दिन नंबर 1 थे तो बुमराह की तुलना में 'बड़े महंगे' थे। 

* वैसे कुल रिकॉर्ड देखें तो प्रति टेस्ट मेडन ओवर की गिनती बेदी को भी 'कंजूस' साबित करती है- सिर्फ लांस गिब्स का रिकॉर्ड उनसे बेहतर है। 

* 31 दिसंबर 1973 की आईसीसी रेंकिंग में 973 पॉइंट के साथ गैरी सोबर्स (वेस्टइंडीज) नंबर 1 बल्लेबाज थे जबकि 789 पॉइंट के साथ बराबरी पर थे ज्योफ अर्नोल्ड (इंग्लैंड) और बिशन बेदी। उस दिन अर्नोल्ड का रिकॉर्ड था : 19 टेस्ट में 25.04 औसत से 72 विकेट। 

* एक बड़ी मजेदार बात ये है कि जसप्रीत बुमराह को नंबर 1 गेंदबाज बनाने में उनके 2024 कैलेंडर साल के 71 विकेट का बहुत बड़ा योगदान था जबकि बेदी ने तो 1973 के कैलेंडर साल में सिर्फ 3 टेस्ट खेले और उनमें 13 विकेट लिए। बहरहाल अर्नोल्ड उस साल के विकेट चार्ट में टॉप पर थे और 12 टेस्ट में 42 विकेट लिए। 

* सच तो ये है कि 1973 ही वह साल था जब रेंकिंग में किसी एक गेंदबाज के प्रभुत्व का सिलसिला टूटा था। 1964 से 1968 तक लगातार 5 साल नंबर 1 गेंदबाज थे वेस्टइंडीज के लांस गिब्स और 1969 से 1972 तक लगातार 4 साल रेंकिंग में नंबर 1 थे इंग्लैंड के डेरेक अंडरवुड। 

* बिशन बेदी के बाद किसी भी अन्य भारतीय गेंदबाज को नंबर 1 हासिल करने में लगभग 42 साल लग गए। आईसीसी रेंकिंग में रविचंद्रन अश्विन दिसंबर 2015 में नंबर 1 बने। अश्विन ने उस साल 9 टेस्ट में 17.20 औसत से 62 विकेट लिए थे। 

* अश्विन ने तब कहा था- 'जो बेदी सर ने किया, उस मुकाम को दोहराना, कुछ ऐसा है जिस पर मुझे बहुत गर्व है।' 

* बिशन बेदी अपने करियर में सबसे ज्यादा 804 रेटिंग पॉइंट पर पहुंचे जबकि 31 दिसंबर 2024 के दिन बुमराह के 907 रेटिंग पॉइंट थे और ये तो वास्तव में, किसी भी भारतीय गेंदबाज के हासिल किए, अब तक के सबसे सबसे ज्यादा रेटिंग पॉइंट हैं। खुद अपने (ब्रिसबेन टेस्ट के बाद) और आर अश्विन (2016 में) के 904 रेटिंग पॉइंट के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।

* अब बुमराह के लिए लक्ष्य, टेस्ट में किसी भी गेंदबाज के सबसे ज्यादा रेटिंग पॉइंट का रिकॉर्ड है- 1914 में इंग्लैंड के सिडनी बार्न्स के 932 रेटिंग पॉइंट थे। 

* करियर में सबसे ज्यादा रेंकिंग पॉइंट की लिस्ट में बुमराह इस समय 907 रेटिंग पॉइंट के साथ इंग्लैंड के डेरेक अंडरवुड की बराबरी पर और लिस्ट में 17वें नंबर पर हैं।

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बहरहाल बेदी और अश्विन स्पिनर थे जबकि बुमराह पेसर और भारत के पहले पेसर, जो इस मुकाम पर पहुंचे।
 

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