चोकर के ठप्पे के साथ फिर बाहर हुई साउथ अफ्रीका

Updated: Tue, Nov 30 -0001 00:00 IST

क्रिकेट के बड़े टूर्नामेंट में खिताब के करीब पहुंचकर हारकर बाहर हो जानें के लिए साउथ अफ्रीका की टीम काफी मशहूर है। 1992 में पहली बार वर्ल्ड कप खेलने वाली दुनिया की सबसे बेहतरीन क्रिकेट टीमों में से एक साउथ अफ्रीका अब तक अपने ऊपर लगा चोकर का टैग हटा पाई है। 2011 वर्ल्ड कप में अपने ग्रुप में टॉप करने वाली साउथ अफ्रीका क्वार्टर फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हारकर वर्ल्ड चैंपियन बनने का एक और मौका गंवा बैठी थी। 

25 मार्च 2011 को मीरपुर के शेर ए बांग्ला स्टेडियम में वर्ल्ड कप के तीसरे क्वार्टर फाइनल में साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड की टीमें आमनें सामनें थी। साउथ अफ्रीका 6 में से 5 जीतकर अपने ग्रुप में टॉप किया था जबकि न्यूजीलैंड की टीम अपने ग्रुप में चौथे नंबर पर थी और किसी तरह से सेमीफाइनल में पहुंची थी। 

टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम दो विकेट केवल 16 रन के स्कोर पर ही गंवा बैठी थी । इसके बाद जेसी राइडर 121 गेंदों में 83 औऱ रॉस टेलर 72 गेंद में 43 की धीमी लेकिन उपयोगी पारियों की बदौलत न्यूजीलैंड की पारी संभली और दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 114 रन की महत्वपूर्ण पार्टरनशिप करी। अंत में केन विलियमसन की नाबाद 38 की पारी की बदौलत न्यूजीलैंड की टीम 8 विकेट पर 221 रन ही बना सकी। इस वर्ल्ड कप में लीग राउंड में साउथ अफ्रीका ने जो प्रदर्शन किया था उसे देखकर तो लग रहा वह आसनी से न्यूजीलैंड के दिए लक्ष्य को हासिल कर सेमीफाइनल में जगह बना लेगी। 

222 रन के मामूली लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम की शुरूआत भी ज्यादा अच्छी नहीं रही और वह अपने अनुभवी बल्लेबाज हाशिम अमला का विकेट केवल 8 रन पर ही गंवा बैठी। 24वें ओवर में साउथ अफ्रीका का स्कोर 2 विकेट पर 108 रन था और जैक कैलिस (47 रन) और एबी डि विलियर्स (35 रन) की अनुभवी जोड़ी क्रीज पर मौजूद थी। लग रहा था कि लंबे बल्लेबाजी क्रम वाली अफ्रीकी टीम आसानी से जीत का लक्ष्य हासिल कर लेगी लेकिन क्रिकेट तो अपनी अनिश्चितताओं के लिए जाना जाता है। 

शानदार बल्लेबाजी कर रहे कैलिस छक्का मारनें की कोशिश में बाउंड्री लाइन पर 6 फुट 6 इंच लंबे जैकब ऑरम को कैच थमा बैठे थे। ऑरम ने यह शानदार कैच पकड़कर न्यूजीलैंड को वह मौका दे दिया था जिसकी उसे दरकार थी। इसके बाद जेपी ड्यूमिनी सस्ते में ही आउट हो गए और डि विलियर्स का साथ देने फाफ डु प्लेसिस क्रीज पर आए। लेकिन डु प्लेसिस एक रन चुराने की जल्दबाजी में जमे हुए बल्लेबाज एबी डि विलियर्स को रन आउट करा बैठे और यही इस मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। डु प्लेसिस ने 36 रन की पारी खेली लेकिन उनके अलावा अंत का कोई भी बल्लेबाज क्रीज पर टिक नहीं पाया और साउथ अफ्रीका की टीम 172 रन पर ऑल आउट हो गई। साउथ अफ्रीका ने अपने आखिरी 8 विकेट केवल 64 रन में हीं गवां दिए थे।

न्यूजीलैंड के लिए जैकब ऑरम ने 39 रन देकर 4 और नैथन मैकुमल ने 24 रन देकर 3 विकेट लिए थे। एक बार फिर साउथ अफ्रीका चोकर का टैग लगावाकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थी और 49 रन की जीत के साथ न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में अपनी सीट पक्की कर ली थी।  

(सौरभ शर्मा/CRICKETNMORE)
  

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