13 साल की उम्र में खुद विकेट बनाकर प्रैक्टिस करते थे अर्जन नागवसवाला, सेलेक्शन होने पर कोच ने किए कई बड़े खुलासे
गुजरात के अरज़न नागवासवाला हाल ही में इंग्लैंड के आगामी दौरे के लिए चार स्टैंडबाय खिलाड़ियों में से एक खिलाड़ी के रूप में शामिल होने के बाद सुर्खियों में छाए हुए हैं। अब इस खिलाड़ी के बचपन के कोच ने खुलासा किया है कि आखिरकार क्यों उन्हें भारतीय टीम में सेलेक्ट किया गया है।
2018 में गुजरात के लिए पदार्पण करने के बाद से नागवासवाला को घरेलू क्रिकेट में उनके निरंतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 22.53 की शानदार औसत से सिर्फ 20 प्रथम श्रेणी मैचों में 62 विकेट लिए हैं। इसके अलावा वो विजय-हजारे ट्रॉफी में दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी रहे हैं।
अरज़न नागवासवाला के बचपन के कोच किरण टंडेल, उन्हें 13 साल की उम्र से कोचिंग दे रहे हैं और उन्होंने कई बातें खुलकर बताई हैं। टंडेल ने एक वेबसाइट से बातचीत के दौरान कहा, “जब वह 13 साल का था, तब अरज़न मेरे पास आया। ज्ञान की भूख ही अरज़ान को दूसरों से अलग करती है। उसके पास अपने जीवन में कुछ बनने के लिए ड्राइव है। यहां तक कि जब मैं अभ्यास के लिए उपलब्ध नहीं था, तो वो मुझसे कॉल पर पूछा करता था।"
आगे बोलते हुए अरज़न के कोच ने कहा, “हम बहुत काम करते थे। हमारे पास एक मैदान है जहां हमने खुद विकेट तैयार किया। वह शुरुआत में इसके बारे में नहीं जानते थे। एक दिन मैंने उसे बिना विकेट (विकेट) अभ्यास करते देखा। मैंने उससे कहा कि हमें खुद ही सब कुछ करना होगा। तब से, वह खुद दोपहर में विकेट बनाता था और प्रैक्टिस करता था।
अर्ज़न के सेलेक्शन पर बोलते हुए टंडेल ने कहा, “वह पिछले कुछ वर्षों में हर प्रारूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। जो भी प्रारूप हो, वह विकेट लेने की क्षमता रखता है। स्विंग उसकी ताकत है। मुझे लगता है कि यह उनके (चयनकर्ताओं) के ध्यान में आया होगा।"