बीपीएल में विदेशी खिलाड़ियों को भुगतान में हुआ नियमों का उल्लंघन
ढाका, 2 जनवरी | बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) में विदेशी खिलाड़ियों को पैसे देने में बांग्लादेश के नियमों का उल्लंघन होने की बात सामने आई है। नियम के मुताबिक बीपीएल में विदेशी खिलाड़ियों को पैसे देने के लिए बांग्लादेश के बैंक की मंजूरी की जरूरत होती है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि बैंकों से मंजूरी नहीं ली गई।
एक वेबसाइट के मुताबिक बांग्लादेश के एक बैंक अधिकारी ने कहा है कि अगर किसी फ्रेंचाइजी ने विदेशी खिलाड़ी को विदेशी मुद्रा में बिना बैंक की मंजूरी के भुगतान किया है तो यह पैसों की हेराफेरी का मामला है। बीते वर्ष 22 नबंवर से 15 दिसंबर तक चले बीपीएल में 65 विदेशी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें क्रिस गेल, कुमार संगकारा, शाहिद अफरीदी और सुनिल नरेन विदेशी खिलाड़ियों में शामिल थे। छह फ्रेंचाइजी टीमों के लिए खेलने वाले विदेशी खिलाड़ियों का अनुबंध 30,000 डॉलर से 70,000 डॉलर तक का था।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने कहा है कि खिलाड़ियों को पैसे देने की सूचना राष्ट्रीय राजस्व विभाग (एनबीआर) को दे दी गई थी। बांग्लादेश बैंक के कार्यकारी निदेशक शुभंकर शाह ने कहा है कि सिर्फ एक फ्रेंचाइजी ने ही 15 दिसंबर तक हमसे नौ विदेशी खिलाड़ियों को भुगतान करने की अनुमति ली थी, जिसकी हमने उन्हें इजाजत दे दी थी।
बांग्लादेश बैंक का विदेशी नियमन विभाग इस मामले को देख रहा है। बैंक के एक अधिकारी ने बताया, "फ्रेंचाइजी बारिसल बुल्स ने नौ विदेशी खिलाड़ियों को 225,000 करोड़ डॉलर का भुगतान विदेशी मुद्रा में करने के लिए बैंक से मंजूरी ली थी। केंद्रीय बैंक ने बीसीबी की अनुशंसा पर उन्हें भुगतान की अनुमति दे दी थी।" बीसीबी के निदेशक जलाल यूनुस का कहना है कि फ्रेंचाइजी टीमें विदेशी खिलाड़ियों को भुगतान करने के सारे नियम जानती हैं।
उन्होंने कहा, "भुगतान किस तरह से करना है इसका उल्लेख अनुबंध में भी है। भुगतान पूरे नियम से किया जाना चाहिए और मुझे उम्मीद है कि ऐसा हुआ है।" बारिसल बुल्स विदेशी खिलाड़ियों के भुगतान के मामले में सबसे बड़ी फ्रेंचाइजी है। बुल्स के मालिक एम. ए. अवल चौधरी का कहना है कि उन्होंने भुगतान करने से पहले बांग्लादेश बैंक से मंजूरी ले ली थी। उन्होंने कहा, "हम सारे नियम जानते हैं और उनका अनुसरण करते हैं।"
एनबीआर द्वारा जारी किए गए संवैधानिक नियामक आदेश (एसआरओ) में भी बताया गया है कि कोई विदेशी खिलाड़ी यदि बांग्लादेश में खेलता है और उसे भुगतान विदेशी मुद्रा में किया जाता है तो उसे 30 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। जो बांग्लादेशी संगठन या व्यक्ति यह भुगतान कर रहा है तो उसे 15 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) देना होगा। अगर कोई विदेशी खिलाड़ी भुगतान में दिए गए पैसों को विदेशी मुद्रा में बिना केंद्रीय बैंक की अनुमति के ले जाता है तो यह पैसों की हेराफेरी का मामला होता है।
शाह ने कहा, "अगर किसी ने कल ही बांग्लादेश बैंक से मंजूरी ली है को हम इसे पैसों की हेराफेरी का मामला नहीं कह सकते।" लेकिन शाह ने यह बात साफ कर दी है कि अगर विदेशी खिलाड़ियों को भुगतान विदेशी मुद्रा में किया जाता है तो वो भी बिना बैंक की अनुमति के तो यह पैसों की हेराफेरी का मामला होगा।
एजेंसी