अपने परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखकर संन्यास का फैसला किया : ब्रेंडन टेलर
ऑकलैंड/ नई दिल्ली, 13 मार्च (CRICKETNMORE) । 29 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला करने वाले जिम्बाब्वे के कार्यवाहक कप्तान ब्रेंडन टेलर ने कहा है कि उन्होंने अपने परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखकर यह कड़ा फैसला किया है क्योंकि अपने देश के लिये टेस्ट और वन डे खेलकर वह उनका अच्छी तरह से खयाल नहीं रख पा रहे हैं।
वह भारत के खिलाफ कल यहां जिम्बाब्वे की तरफ से आखिरी इंटरनेशनल मैच खेलेंगे। इसके बाद वह अपने परिवार के साथ नाटिंघमशायर में बस रहे हैं जहां वह काउंटी क्रिकेट में खेलेंगे। टेलर ने नॉटिंघमशायर काउंटी के साथ 3 साल के लिए कोलपाक समझौते के तहत करार कर लिया है। इस करार को अभी इंग्लैंड किक्रेट बोर्ड (ईसीबी) की अनुमति मिलनी बाकी है। यह समझौता लागू होने के बाद वह जिम्बाब्वे के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेल सकेंगे।
कोलपाक समझौता यूरोपीय संघ के देशों के साथ दुनिया के अन्य देशों के खिलाड़ियों के साथ करार करने पर लागू होता है। इस करार के अनुसार आने वाले खिलाड़ियों को भी यूरोपीय संघ के नागरिकों के समान अधिकार मिल जाता है।
टेलर से पूछा गया कि आखिरी बार जिम्बाब्वे की तरफ से खेलने को लेकर वह कितने भावुक हैं, उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिये मुश्किल सवाल है क्योंकि इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहना आसान फैसला नहीं था। ’’
उन्होंने भारत के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘मैं वहां जाकर क्रिकेटर के रूप में खुद को निखारना चाहता हूं और आखिर में हम सभी अपने परिवार को अच्छी सुविधाएं देने की कोशिश करते हैं और मेरे लिये यह महत्वपूर्ण है। ’’टेलर ने कहा, ‘‘हां इंटरनेशनल क्रिकेट हमेशा मेरे लिये सर्वोपरि रहेगा लेकिन मैंने अपने परिवार और पत्नी से इस बारे में चर्चा की तथा दो से तीन महीने तक ऐसा करने के बाद मैंने इंग्लैंड में जाकर खेलने का फैसला किया।
उन्होंने कहा जब घर में आपके बच्चे हों तो आप उन्हें अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने का प्रयास करते हो। इन सब कारणों से ही मैंने यह फैसला किया। यह फैसला तीन साल के लिये किया गया है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि तीन साल बाद मैं सब कुछ गंवा दूंगा। मैं उसके बाद इंग्लैंड में खेलना जारी रखूंगा या वापस जिम्बाब्वे लौटूंगा, यह अभी बहुत बाद की बात है।’’ टेलर ने अब तक 166 वनडे में 5120 रन बनाये हैं।
(एजेंसी)