5 बदनसीब क्रिकेटर जिनके लिए धोनी युग बना अभिशाप, नंबर 7 की जर्सी के नीचे दबे

Updated: Thu, Nov 03 2022 12:08 IST
Cricket Image for Dinesh Karthik Robin Uthappa 5 Unlucky Wicket Keepers In Ms Dhoni Era (Naman Ojha)

क्रिकेट के टाइम में एक ऐसा दौर भी था जब विकेटकीपर का चयन बल्लेबाजी के लिए नहीं बल्कि केवल विकेटकीपिंग के लिए होता था। जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे टीमों ने महसूस करना शुरू कर दिया कि अगर उनको वर्ल्ड क्रिकेट में अपना दबदबा मनवाना है तो विकेटकीपर बल्लेबाज पर फोकस करना होगा। टीम इंडिया की कहानी एम एस धोनी के उदय ने पूरी बदल दी। लेकिन, किसी का उदय किसी के पतन का भी कारण बन सकता है। इस आर्टिकल में 5 बदनसीब क्रिकेटर हैं जिन्हें धोनी युग में डेब्यू करने की सजी मिली।

ऋद्धिमान साहा: विकेटकीपर बल्लेबाज साहा को अपने करियर के अधिकतम समय मैदान पर ड्रिक्ंस ले जाते हुए ही देखा गया। साहा को टीम इंडिया में मौके तब मिलना शुरू हुए जब धोनी ने साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। इसके बाद भी उनका करियर इतना आसान नहीं रहा ऋषभ पंत के उदय ने भी उनके करियर पर प्रभाव डाला। 38 साल के साहा ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 9 वनडे खेले हैं।

नमन ओझा: विकेटकीपिंग के अलावा अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए भी जाने- जाने वाले ओझा को टीम इंडिया से खेलने का मौका ना के बराबर मिला। नमन ओझा का पूरा करियर ही घरेलू क्रिकेट में खत्म हो गया। नमन ओझा को टी-20 में डेब्यू का मौका 2010 में मिला जब धोनी को आराम दिया गया था। वहीं 2015 में उन्होंने अपने करियर का पहला और आखिरी टेस्ट मैच खेला।

पार्थिव पटेल: केवल 17 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले पार्थिव पटेल भी धोनी की छाया में कहीं खो से गए। धोनी के डेब्यू के बाद से उन्हें लगभग नजरअंदाज ही कर दिया गया। जबरदस्त प्रतिभा होने के बावजूद पार्थिव पटेल ने भारत के लिए केवल 25 टेस्ट 38 वनडे और 2 टी-20 मैच खेले।

दिनेश कार्तिक: रिटायरमेंट की उम्र में टी-20 क्रिकेट में फिनिशर के रूप में सामने आने वाले दिनेश कार्तिक का करियर भी महान धोनी के उदय से काफी प्रभावित हुआ। दिनेश कार्तिक ने भारत के लिए 26 टेस्ट और 94 वनडे और 59 टी-20 मैच खेले हैं। टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के  बाद उनका संन्यास लेना तय है।

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रॉबिन उथप्पा: बल्लेबाजी के अलावा रॉबिन उथप्पा की फिटनेस और विकेटकीपिंग भी लाजवाब थी। लेकिन, भारतीय क्रिकेट टीम में कभी भी उन्हें एक विकेटकीपर के रूप में देखा ही नहीं गया। रॉबिन उथप्पा भी धोनी के ही युग के खिलाड़ी थे। रॉबिन उथप्पा ने केकेआर के लिए विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी दोनों से छाप छोड़ी। रॉबिन उथप्पा ने भारत के लिए 46 टेस्ट और 13 टी-20 मैच खेले।

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